नवजोत सिंह सिद्धू बेबाकी के लिए प्रसिद्ध हैं। हालांकि, कभी-कभी इस बेबाकी में वह कुछ ऐसा कह जाते हैं जो विवादित होता है। ऐसा ही उन्होंने एक बार वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा के शो ‘आप की अदालत’ में लड़कियों को लेकर कहा था। शो की परंपरा के मुताबिक, रजत शर्मा ने पूर्व क्रिकेटर और पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू पर लड़कियां ताकने का आरोप लगाया था। नवजोत सिंह सिद्धू ने यह आरोप स्वीकार किया था।

रजत शर्मा ने कहा, ‘सिद्धू साहब आपके पिताजी ने ठाना था कि आप क्रिकेटर बन जाएं, लेकिन आपका वक्त बीतता था लड़कियां ताकने में।’ इस पर नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, ‘बिल्कुल ठीक, बिल्कुल ठीक, बिल्कुल ठीक। देखो भई इसमें क्या बुराई है।’ फिर अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने कहा, ‘लड़कियों को दिखाने का शौक है, लड़कों को देखने का शौक है। मुझे आप बताओ, इसमें कोई बुराई तो नहीं है। अगर कोई 16 साल का लड़का है तो वह राम का नाम थोड़े ना जपेगा।’

रजत शर्मा ने उन्हें टोकते हुए कहा, ‘सिद्धू जी क्या यह बात सही है कि आपकी मोटरसाइकिल हमेशा फाटक नंबर 22 पर खड़ी रहती थी।’ सिद्धू ने कहा, ‘मैं जाता था सर, मैंने कब कहा कि मैं ऐसा नहीं करता था। एक बात और बता दूं। वहां तीन रेलिंग थीं। उन रेलिंग्स के ऊपर आज भी हमारे हाथों के निशान छपे हुए हैं। अगर आप देखेंगे तो हाथों के निशान बने हुए हैं।’

सिद्धू ने आगे कहा, ‘उसके पीछे एक दुकान थी। वह हलवाई की दुकान थी। वहां पर हम लोग लड्डुओं के पीछे छिप जाते थे। लड्डुओं के बीच में एक जगह होती थी। जहां से बाहर का नजारा दिखता था। मेरा एक दोस्त था, सरबजीत सिंह। वह लड़कियों के सूट का रंग देखकर उनके मोहल्ले का नाम बता देता था। वह बात मैं बिल्कुल मानता हूं, लेकिन एक बात और भी मानता हूं कि मैं अपने पिता से अथाह प्यार करता था।’

सिद्धू ने कहा, ‘मेरे लिए अपने बाबा के नाम, अपने पिता के नाम से बढ़कर कुछ नहीं था। उनके नाम, उनकी छवि पर कोई दाग न लगे बस उसी की एक चाह मुझे क्रिकेट खिलवाती थी। मैं हमेशा यह चाहता था कि जो मेरे पिता का सपना है, उसे मैं पूरा करूं सकूं।’

इसके बाद सिद्धू ने एक शायरी सुनाई। उन्होंने कहा, ‘मंजिलें उनको मिलती हैं, मंजिलें उनको मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है। अरे पंखों से कुछ नहीं होता, हौसले से उड़ान होती है।’

नवजोत सिंह सिद्धू ने करियर में बनाए थे 7000 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय रन

नवजोत सिंह सिद्धू भारत के लिए 1983 से 1999 तक क्रिकेट खेले थे। उन्होंने 51 टेस्ट मैचों में 42.1 की औसत से 3202 रन बनाए थे। इस दौरान उनके नाम 9 शतक और 15 अर्धशतक दर्ज हैं। वनडे में सिद्धू का रिकॉर्ड शानदार है। उन्होंने 136 मुकाबलों में 37.1 की औसत से 4413 रन बनाए। इस दौरान 6 शतक और 33 अर्धशतक जड़े।