कुछ कर गुजरने की अगर ठान ली है तो किस्मत भी आपका साथ देने के लिए मजबूर हो जाती है। आज हम आपके समक्ष एक ऐसी ही कहानी लेकर आए हैं जो हर किसी के लिए प्रेरणादायी है। दरअसल, यहां बात हो रही महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी प्रिया पूनिया के बारे में। पिछले काफी दिनों से प्रिया टीम इंडिया में सेलेक्शन को लेकर चर्चा में हैं।

प्रिया पूनिया को न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज के लिए टीम इंडिया में शामिल किया गया था। उनके जज्बे को खुद क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने सैल्यूट किया था। तब उन्होंने ट्विटर पर लिखा, दिखता है कि कड़ी मेहनत और सच्चे समर्थन के साथ कैसे सफलता की राह तैयार होती है। यहां तक पहुंचने के पीछे न सिर्फ प्रिया, बल्कि उनके पिता की भी कड़ी तपस्या है।

यही वजह है कि मास्टर ब्लास्टर तेंदुलकर ने बेटी और पिता को सराहा है। प्रिया राजस्थान के चुरू जिले एक राजगढ़ से ताल्लुक रखती हैं। इसी क्षेत्र के एक गांव में प्रिया का घर है। जहां पर वे क्रिकेट खेलने का सपना देखा करती थीं। अब प्रिया ने कामयाबी की ऐसी इबादत लिख दी है जो दुनिया भर की महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है।

प्रिया ने भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की कर ली है। प्रिया के सफर में जितनी मेहनत उनकी है उतना ही परिश्रम और दृढ़ विश्वास उनके पिता का भी है। प्रिया के पिता सुरेंद्र पूनिया ने बेटी को क्रिकेटर बनाने के लिए क्रिकेट का मैदान ही तैयार करवा दिया है। ताकि उनकी बेटी उनकी निगरानी में क्रिकेट की प्रैक्टिस कर सके।

एक इंटरव्यू के दौरान प्रिया के पिता ने बताया था कि उनकी बेटी महज 7 साल की उम्र से खेलों में दिलचस्पी लेने लगी थी। शुरुआत में प्रिया ने बैडमिंटन व लॉन टेनिस की कोचिंग की, लेकिन उसमें मन नहीं लगा। बाद में प्रिया ने क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन की। कुछ दिन बाद प्रिया के पिता जयपुर शिफ्ट हो गए थे। जहां पर बेटी की सही तरीके से ट्रेनिंग न होने पर पिता ने जयपुर स्थित अपना 22 लाख रुपए का मकान बेच दिया और चौमू के पास एक खेत खरीद डाला।

इसी खेत को प्रिया के पिता ने क्रिकेट मैदान बना डाला। जहां पर वह अब भी प्रैक्टिस करती हैं। पिता के त्याग और समर्पण पर प्रिया का कहना है कि मैं कुछ ऐसा करना चाहती हूं, जिस पर मेरे पिता को गर्व हो। 22 साल की प्रिया ओपनिंग बल्लेबाज हैं। पिछले साल 21 दिसंबर को जब न्यूजीलैंड के दौरे के लिए प्रिया का नाम टी20 टीम में शामिल किया गया तो यह उनके और उनके परिवार की खुशी का ठिकाना न था। पिता ने बेटी को वो सारी सुविधाएं दी, जिसकी बदौलत प्रिया क्रिकेट में नाम रोशन करें और उन्होंने ये सपना साकार भी कर दिया।

दाएं हाथ की बल्लेबाज प्रिया ने पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में सीनियर वुमन वनडे चैंपियनशिप बेंगलुरु के आठ मैचों में दो शतकों की बदौलत कुल 407 रन बनाए थे। इसी प्रदर्शन के चलते प्रिया का इस साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड दौरे के लिए भारतीय महिला टीम में चयन हुआ। इसके अलावा सीनियर नेशनल महिला टी-20 चैंपियनशिप में प्रिया ने दस मैच में 47.75 की औसत से 382 रन बनाए हैं।