‘किंग आफ फुटबॉल’ पेले का 38 साल बाद दोबारा यहां आने पर रविवार सुबह हवाई अड्डे पर लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस दौरान उनकी एक झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे और बार-बार ‘पेले-पेले’ के नारे लगा रहे थे जिससे भावुक होकर ब्राजील के इस 74 वर्षीय पूर्व महान खिलाड़ी ने अपनी एसयूवी पर खड़े होकर हाथ हिलाकर दर्शकों का अभिवादन किया।

शुरूआत में कुछ प्रशंसक और मीडियाकर्मी ही इस दिग्गज के आगमन के लिए हवाई अड्डे पर मौजूद थे लेकिन जैसे ही उनके आने की खबर फैली, अपने रिश्तेदारों को लेने आए 100 के आसपास लोग ‘ब्लैक पर्ल’ की एक झलक पाने के लिए वहां आ गए।

पेले दुबई से एमिरेट्स की उड़ान संख्या ईके 0570 से सुबह 8 बजकर 07 मिनट पर कोलकाता पहुंचे। ‘गाड ऑफ फुटबॉल’ के नाम से मशहूर पेले को इसके बाद आव्रजन औपचारिकता पूरी करने में लगभग 30 और मिनट लगे और गेट 4बी से बाहर आए, जिससे उनकी 24 घंटे से अधिक समय की लंबी यात्रा का अंत हुआ।

काला सूट और ऐसी ही घड़ी पहने तीन बार के विश्व कप विजेता पेले हालांकि तरोताजा नजर आ रहे थे। राज्य मंत्री फिरहाद हाकिम और आयोजक उन्हें वहां से ले गए।

पेले इस दौरान अपनी कार से ही लोगों की ओर हाथ हिलाते रहे और उन्होंने कोलकातावासियों को धन्यवाद देते हुए ‘थंक्यू कोलकाता’ भी कहा। बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी के कारण कड़ी सुरक्षा वाले पेले के काफिले को अलीपुर में पांच सितारा होटल तक पहुंचने में समय लगा। कोलकाता में 38 साल बाद दोबारा आ रहे पेले तीन दिन तक शहर में रहेंगे।

वर्ष 1977 में वह न्यूयार्क कासमास टीम के साथ यहां आए थे और उनकी टीम ने मोहन बागान के खिलाफ प्रदर्शनी मैच खेला था जो 2-2 से बराबर रहा था।

भारत के महान फुटबाल खिलाड़ी रहे चुन्नी गोस्वामी ने होटल में एक अन्य पूर्व खिलाड़ी दिपेंदु बिश्वास के साथ पेले की अगवानी की जबकि उनके दौरे के आयोजकों में से एक एनएसएचएम नालेज कैंपस के छात्रों ने उनका पारंपरिक स्वागत किया।

पूर्व ओलंपिक गोस्वामी ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने उनसे मजाकिया लहजे में कहा, क्या आप फटबाल खेलते हैं जिस पर पेले ने कहा ‘बिलकुल भी नहीं, मैं पूरी तरह फिट नहीं हूं।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने उनसे पूछा कि वे मेस्सी को कैसे आंकते हैं।

वह मैराडोना और पेले के काफी करीब है।’ इस दौरान मोहन बागान के भी ढेरों समर्थक मौजूद थे जो अपनी टीम का झंडा लहरा रहे थे। इसके अलावा दम दम का बच्चों का एक समूह भी मौजूद था जिसने हाथ में ब्राजील का राष्ट्रीय ध्वज लिया हुआ था।

ब्राजील का ध्वज लहरा रहे एक प्रशंसक 13 साल के विशाल ने कहा, ‘वह हमारे लिए भगवान की तरह हैं। उनकी एक झलक पाकर हमारा सपना साकार हो गया।’

लोगों के बीच ईस्ट बंगाल के पूर्व फुटबालर 80 वर्षीय भुवन मित्रा भी मौजूद थे जो 1977 में ईडन गार्डन्स में मोहन बागान और कासमास के बीच हुए मुकाबले के साक्षी बने थे।