भारत का 30 खिलाड़ियों का एथलेटिक्स दल पेरिस जाने वाला था। हालांकि अब यह संख्या घटकर 29 रह गई है। पेरिस ओलंपिक के लिए जा रहे दल में शॉटपुट एथलीट आभा काठुआ का नाम शामिल नहीं है। भारतीय ओलंपिक संघ या एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने अभी तक इसका कारण नहीं बताया है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा जा रहा है कि टेस्टोस्टेरोन लेवल ज्यादा होने की वजह से आभा को दल से बाहर किया गया है।
मई में कायम किया था नेशनल रिकॉर्ड
आभा ने मई में हुए फेडरेशन कप में 18.41 मीटर के थ्रो के साथ नेशनल रिकॉर्ड कायम किया था। वह रोड टू पेरिस की रैंकिंग में 21वें स्थान पर थी और इसी वजह से उन्होंने पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया। हालांकि आखिरी मौके पर उनका नाम हटा दिया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक वर्ल्ड एथलेटिक्स ने डिफेरेंस ऑफ सेक्स डेवलेपमेंट रेगुलेशन (डीएसडी) उल्लंघन के कारण ने आभा को हिस्सा लेने से रोका है।
हार्मोन रेगुलेशन के कारण हुआ फैसला
टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्र के हवाले से लिखा कि आभा का नाम डोपिंग के कारण नहीं बल्कि डीएसडी रेगुलेशन के कारण हटाया गया है। पिछले साल बैंकॉक में हुए एशिया चैंपियनशिप के दौरान एथलेटिक्स इंटेग्रिटी यूनिट अधिकारियों ने लिया गया होगा। उसी सैंपल में ट्रेस्ट्रोन लेवल बढ़ा हुआ आ सकता है जिसके कारण वर्ल्ड एथलेटिक्स ने यह फैसला किया है।
क्या हैं नियम?
नियमों के मुताबिक हर महिला खिलाड़ी को अपने शरीर में टेस्टोस्टेरोन स्तर एक तय मात्रा तक रखना होता है। अगर ऐसा नहीं होता है तो उन्हें टूर्नामेंट में हिस्सा लेने लायक नहीं माना जाता है। नियमों के मुताबिक यह मात्रा 10 nmol/L होनी चाहिए। अगर आभा का नाम हार्मोन रेगुलेशन के कारण हटाया गया है तो इसका साफ मतलब है कि उनके शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा तय मात्रा से ज्यादा पाई गई।