पैरालंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी है। गुरुवार को भारत के जूडो खिलाड़ी कपिल परमार ने men’s -60kg J1 कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता। कपिल ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में ब्राजील के एलिटन डी ओलिवेलिया को 33 सेकंड में इप्पन से मात दी। यह भारत का पेरिस पैरालंपिक में 25वां मेडल है।

भारत का जूडो में पहला मेडल

भारत ने इससे पहले पैरालंपिक खेलों में जूडो में कभी कोई मेडल हासिल नहीं किया था। इससे पहले कपिल को सेमीफाइनल में 0-10 से हार मिली थी। उन्हें इरान के बनीताबा ने मात दी थी। उन्होंने क्वार्टरफाइनल में वेनेजुएला के मार्को डेनिस ब्लांको को 10-0 से शिकस्त दी थी। परमार को दोनों मुकाबलों में एक एक पीला कार्ड मिला था। J1 कैटेगरी में वह खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं जो कि या तो बिलकुल नहीं देख पाते या फिर बहुत कम देख पाते हैं। उनके कपड़ों पर लाल रंग के सर्कल बने होते हैं। उन्हें चलने के लिए, मैच के बाद उससे पहले मदद के लिए सिगनल देने का जरिया होता है।

बचपन में खो दी थी आंखो की रोशनी

कपिल को अपने चारो मैचों में यैलो कार्ड मिला था। परमार ने बीते साल एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीता था। कपिल मध्यप्रदेश के शिवोर के रहने वाले हैं। उनके पिता टैक्सी ड्राइवर हैं वहीं बहन स्कूल चलाती हैं। बचपन में खेलते हुए उन्हें पानी के पंप को हाथ लगा दिया था जिससे उन्हें करंट लग गया था। इसी करंट के कारण वह कोमा में चले गए थे। जब वह कोमा से बाहर आए तो उन्होंने अपनी आंखों की रोशनी खो दी थी।

महिला वर्ग में कोकिला हारीं

महिलाओं के 48 किग्रा जे2 वर्ग के क्वार्टर फाइनल में भारत की कोकिला को कजाखस्तान की अकमारल नौटबेक से 0-10 से हार का सामना करना पड़ा। फिर रेपेशेज ए के जे2 फाइनल में कोकिला को यूक्रेन की यूलिया इवानित्स्का से 0-10 से हार मिली। इसमें उन्हें तीन जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी को दो पीले कार्ड मिले। भारत ने इस तरह पेरिस पैरालंपिक में अपने पदकों की संख्या 25 पहुंचा दी है। भारत अब तक पेरिस खेलों में पांच स्वर्ण, नौ रजत और 11 कांस्य पदक अपने नाम कर चुका है।