अंतरराष्ट्रीय पैरा ओलंपिक में मेडल जीतने वाली एथलीट सुवर्णा राज ने आरोप लगया है कि उन्होंने कई बार अपना अपर बर्थ बदलने के लिए टीटीई और गार्ड से मदद मांगी लेकिन हर बार उन्होंने इसे अनसुना कर दिया गया। इससे उन्हें ट्रेंन में फर्श पर सोने के लिए मजबूर होने पड़ा। जानकारी के लिए बता दें कि सुवर्णा राज पोलियो की वजह से करीब 90 फीसदी विकलांग है। जिसकी वजह से उन्होंने व्हील चेयर पर रहना पड़ता है। राज ने न्यूज चैनल सीएनएन से फोन पर बातचीत करते हुए बताया, ‘मैं शनिवार (10 जून, 2017) रात 8:45 बजे गरीब रथ एक्प्रेस से नागपुर से दिल्ली आ रही थी। इस दौरान मुझे ट्रेन की अपर बर्थ अलॉट की गई थी जिसे बदलने के लिए टीटीई से कई बार कहा लेकिन उन्होंने हर इसे अनसुना कर दिया। और मेरे सवाल का कोई जवाब नहीं दिया।’

रविवार को सीएनएन से फोन पर बात करते हुए सुपर्णा राज ने कहा कि 12 घंटे में करीब 10 बार मैंने टीटीई को मदद के लिए बुलाया। लेकिन वो एक भी बार नहीं आए। कोई भी शख्स टिकट चैक करने तक नहीं आया। उन्होंने कहा कि अपनी परेशानी के कारण वो बाथरूम जाने में भी सक्षम नहीं थी। ट्रेन सुबह करीब 10 बजे हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर पहुंची। सुपर्णा राज ने मामले में जानकारी देते हुए आगे बताया कि उनका पास निःशक्तजन कोच का टिकट था लेकिन उन्हें अपर बर्थ दी गई। मुझे ट्रेन के फर्श पर सोने के लिए मजबूर होने पड़ा। वहां हमारी परेशानी पूछने के लिए कोई शख्स नहीं था। मैं अतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधा नहीं चाहती। लेकिन एक इंसान होने के नाते हमें वो सुविधाएं तो दी जाएं जिनकी हम हकदार है।

अंतरराष्ट्रीय पैरा ओलंपिक में मेडल विजेता खिलाड़ी ने आगे कहा कि रेल मंत्री सुरेश प्रभु को खुद ट्रेन में सफर करना चाहिए और सारी सच्चाई जाननी चाहिए। ट्विटर के जरिए उन्होंने रेल मंत्री से समास्या का हल निकालने की अपील की है। बता दें कि राज ने थाईलैंड पैरा टेनिस ओपन 2013 में दो पदक जीते थे। साथी ही अपर्णा साउथ कोरिया में आयोजित एशियन पैरा गेम्स में भाग ले चुकी हैं। राज निशक्तों के लिए एक एनजीओ भी चलाती हैं। हाल में उन्होंने स्वराज इंडिया के टिकट पर बेगमपुर से चुनाव लड़ा था जिसमें वो चुनाव हार गईं थी।