खेल के मैदान पर मेहनत और बूते की बदौलत कोई भी खिलाड़ी या टीम अपना लोहा मनवाती है। लेकिन,कभी-कभी किस्मत का रोल भी काफी अहम होता है। ऐसा ही एक वाकया जापान क्रिकेट टीम के साथ देखने को मिला। जिसने 21 जनवरी को इंडिया अंडर-19 की टीम के साथ मुकाबला खेला।
4 बार की विश्वविजेता भारत की अंडर-19 टीम के साथ उसका यह मैच भले ही शर्मनाक रहा हो लेकिन पहली बार जापान ने क्रिकेट के इतने बड़े स्तर पर कोई मुकाबला खेला था। लेकिन, जापान के यहां तक का सफर जो है उसके पीछे एक कहानी है, जिसे आप जापान की किस्मत कह सकते हैं।
दरअसल, इन दिनों पापुआ न्यू गिनी की टीम ने सभी को प्रभावित किया है। लेकिन उनकी एक गलती ने जापान को वर्ल्ड कप खेलने का टिकट दिलाया और साथ ही खुद को र्ल्ड कप में नौंवीं बार भाग लेने से रोक दिया। दरअसल, पिछले साल जून में जब जापान और पापुआ की टीम के बीच क्वालीफायर मुकाबला खेला जाना था।
उसके एक दिन पहले पापुआ के दस खिलाड़ी टोक्यो के उत्तरी क्षेत्र सानो में दुकान से चोरी करते हुए पकड़े गए। इस पूरे वाकये के बाद टीम के खिलाड़ियों को उनके संघ ने बर्खास्त कर दिया, जिसके बाद टीम के सिर्फ चार खिलाड़ी ही मैच खेलने के लिए योग्य बचे, ऐसे में टीम प्रबंधन को मैच नहीं खेलने का फैसला करना पड़ा।
इसके बाद जापान की टीम ने सीधे क्वालीफाय कर लिया। हालांकि किसी खिलाड़ी पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई लेकिन उन्हें वापस भेज दिया गया और सामान दुकानदार को दे दिए गए।
भारत अंडर-19 टीम के साथ खेले गए मैच की बात करें तो इस मैच में जापान की टीम ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया था। लेकिन, टीम 41 रनों के स्कोर पर ही सिमट गई। कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू सका। इसके जवाब में जब भारत की टीम उतरी तो उसने 4.5 ओवर में ही मुकाबले को 10 विकेट से जीत लिया।

