पाकिस्तान क्रिकेट को आज तब करारा झटका लगा जब उसके ऑलराउंडर मोहम्मद हफीज पर संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के स्वतंत्र आकलन में नाकाम रहने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गेंदबाजी करने से 12 महीने के लिये प्रतिबंधित कर दिया गया।
हफीज के गेंदबाजी एक्शन की जांच चेन्नई के श्री रामचंद्र विश्वविद्यालय के केंद्र में छह जुलाई को किया गया था और आईसीसी ने कहा कि हफीज का गेंदबाजी एक्शन गैरकानूनी पाया गया। इस ऑफ स्पिनर के गेंदबाजी एक्शन की श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के दौरान जब दूसरी बार रिपोर्ट की गयी तो उन्होंने विश्वास जताया था कि वह परीक्षण में सफल रहेंगे।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के मुख्य चयनकर्ता हारून रशीद ने कहा, ‘‘यह हमारे और भविष्य की हामरी योजनाओं के लिये करारा झटका है लेकिन मानसिक तौर पर हम ऐसे परिणाम के लिये तैयार थे।’ उन्होंने कहा, ‘‘हफीज की गेंदबाजी हमारे लिये एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और टी20 क्रिकेट की रणनीति का अहम हिस्सा थी और टेस्ट मैचों में वह गेंदबाजी का अच्छा विकल्प था।’’
इस पूर्व टेस्ट बल्लेबाज ने कहा, ‘‘उस पर 12 महीने तक गेंदबाजी नहीं कर पाने का प्रतिबंध लगने का मतलब है कि हमें एक साल के लिये वनडे और टी20 क्रिकेट की अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा।’’
पाकिस्तान के पूर्व टेस्ट सलामी बल्लेबाज और मुख्य कोच मोहसिन खान ने हफीज पर लगाये गये प्रतिबंध को निराशाजनक और राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के लिये बड़ी चुनौती करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें अब क्रिकेट बोर्ड के साथ पूरी स्थिति का आकलन करना होगा और कड़े फैसले करने होंगे।’’
आईसीसी की विज्ञप्ति में कहा गया है कि श्रीलंका के खिलाफ गाले (17 से 21 जून) में पाकिस्तान की पहले टेस्ट मैच में जीत के दौरान 34 वर्षीय हफीज की गेंदबाजी एक्शन की रिपोर्ट किये जाने के बाद आकलन किया गया।
इसमें कहा गया है कि चेन्नई में जांच के दौरान पता चला कि हफीज की कोहनी गेंदबाजी करते समय 15 डिग्री से अधिक मुड़ती है और इसलिए इसे गैरकानूनी गेंदबाजी एक्शन माना गया। हफीज को इससे पहले नवंबर 2014 में भी गेंदबाजी करने से रोका गया था।
इसके बाद उन्होंने अपने गेंदबाजी एक्शन में सुधार किया जिसके बाद उनकी फिर से जांच की गयी। उन्हें अप्रैल 2015 में गेंदबाजी करने की अनुमति दी गयी थी।
