भारतीय मुक्केबाजी में प्रशासनिक गतिरोध से चिंतित डब्ल्यूबीओ एशिया पैसीफिक चैम्पियन विजेंदर सिंह ने शनिवार (23 जुलाई) को अधिकारियों से अपील की कि वे देश के मुक्केबाजों की खातिर एकजुट होकर जल्द से जल्द नया महासंघ बनाए। यहां एसोचैम कांफ्रेंस में केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल की मौजूदगी में विजेंदर ने कहा कि मौजूदा स्थिति के कारण देश के मुक्केबाजों को अंतरराष्ट्रीस प्रतियोगिताओं में आवाज नहीं मिल रही। बीजिंग ओलंपिक 2008 के कांस्य पदक विजेता विजेंदर ने कहा, ‘पिछले तीन से चार वर्षों से हमारे देश में मुक्केबाजी महासंघ नहीं है। फिलहाल एक तदर्थ समिति समिति मुक्केबाजी का संचालन कर रही है। इससे पहले अभय सिंह चौटाला 10 से 12 साल तक (2012 तक) मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष थे, चीजें अच्छी चल रही थी लेकिन बाद में अदालत में मुकदमे शुरू हुए और इसके बाद से हमारे पास कोई महासंघ नहीं है।
पिछले साल पेशेवर बने विजेंदर ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि भारत के पास दोबारा मुक्केबाजी महासंघ हो और संधू सर (राष्ट्रीय कोच गुरबख्स सिंह संधू) सहित कोई भी इसका अध्यक्ष बन सकता है लेकिन महासंघ की जरूरत है जो मुक्केबाजों के अधिकारों के लिए लड़ सके।’ विजेंदर ने देशवासियों से कहा कि वे अगले महीने होने वाले रियो ओलंपिक के लिए जाने वाले भारतीय खिलाड़ियों के लिए प्रार्थना करें। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने अपना काम कर दिया है और ऐसे स्तर पर पहुंच गए हैं कि भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। अब हमारी बारी है कि उनका समर्थन करें। वे पदक जीते या नहीं यह मायने नहीं रखता। हमें सिर्फ उनका समर्थन करने और उनके लिए दुआएं मांगने की जरूरत है।’