भारतीय हॉकी टीम के रणनीतिक कोच नीदरलैंड के रोजर वान जेंट पारिवारिक कारणों से जूनियर पुरुष विश्व कप के बाद अपना पद छोड़ देंगे। वान जेंट भारतीय हॉकी टीम के थिंक टैंक का अहम हिस्सा हैं लेकिन उनके लिये अपने व्यस्त कार्यक्रम और परिवार के बीच किसी एक का चयन करना मुश्किल फैसला था। उन्होंने कहा, ‘हां, मैं टूर्नामेंट के बाद अपना पद छोड़ रहा हूं। भारतीय हॉकी के साथ यह मेरा आखिरी टूर्नामेंट है।’ वान जेंट ने कहा, ‘यह मेरे लिये मुश्किल फैसला था लेकिन मेरे परिवार को मेरी जरूरत है क्योंकि हम कुछ मुश्किल समय से गुजर रहे हैं।’ वान जेंट नवंबर 2015 में टीम से जुड़े थे और उनके लिये पिछले 13 महीनों की यात्रा काफी खुशनुमा रही। उन्होंने कहा, ‘भले ही यह कम समय के लिये था लेकिन यह समय शानदार रहा। हर दिन भारतीय हॉकी की प्रगति देखना अच्छा रहा। हम विश्व रैंकिंग में 13वें से छठे स्थान पर आ गये। रोलैंट ओल्टमैन्स और अन्य कोचिंग स्टाफ और मैंने बहुत अच्छी टीम बनायी है। हम सब परिवार जैसे हैं। मुझे अभी से टीम की कमी खलने लग गयी है।’

वान जेंट से पूछा गया कि क्या उनके पद छोड़ने के पीछे कोई बाह्य कारक है, उन्होंने न में जवाब दिया और कहा कि यह सिर्फ उनके लिये ही नहीं बल्कि पूरी टीम के लिये भावनात्मक फैसला था। उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया के हाल के दौरे के बाद जब मैंने सीनियर टीम के खिलाड़ियों से कहा कि मैं पद छोड़ रहा हूं तो वे सकते में आ गये। उन्हें मुझ पर विश्वास नहीं हुआ।’ वान जेंट का यह भारतीय हाकी के साथ आखिरी टूर्नामेंट है और वह जीत के साथ विदा लेना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं इससे बेहतर विदाई की उम्मीद नहीं कर सकता। जब हमने टूर्नामेंट में शुरुआत की तो हमारा एकमात्र लक्ष्य स्वर्ण पदक जीतना था और मुझे उम्मीद है कि हम अपना लक्ष्य हासिल करने में सफल रहेंगे। लेकिन यह आसान नहीं है क्योंकि प्रतिस्पर्धा काफी कड़ी है।’ नीदरलैंड के इस कोच ने हालांकि कम अवधि के कार्यकाल के लिये वापसी से इन्कार नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘मैं किसी अन्य टीम को कोचिंग नहीं दे रहा हूं। अभी मेरी प्राथमिकता मेरा परिवार है लेकिन मैं भविष्य में कोचिंग में वापसी की संभावना से इन्कार नहीं कर रहा हूं। यहां तक कि मैंने रोलैंट, हॉकी इंडिया और नरिंदर बत्रा से बात की यदि भविष्य में उन्हें मेरी सेवाओं की जरूरत पड़ेगी तो वे इसके लिये तैयार हैं।’ भारत में वान जेंट मुख्य कोच ओल्टमैन्स के सहायक थे।