भाला फेंक खिलाड़ी सुंदर सिंह गुर्जर ने 2017 आईपीसी पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत को पहला पदक दिलाया। पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता देवेंद्र झझारिया की गैरमौजूदगी में सुंदर ने 60.36 मीटर के निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ सोने का तमगा अपने नाम किया और विश्व चैंपियन बने। सुंदर रियो 2016 में तकनीकी कारणों से डिस्क्वालीफाई हो गए थे। स्पर्धा के बाद सुंदर ने कहा, ‘‘रियो के बाद मैं काफी निराश था क्योंकि मैंने कड़ी मेहनत की थी लेकिन प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पाया। इसके बाद मेरा मनोबल गिर गया था लेकिन प्रतियोगिता में इस तरह की वापसी से मैं काफी खुश हूं। मैंने विश्व चैंपियनशिप के लिए भी कड़ी मेहनत की थी लेकिन उतनी नहीं जितनी मैंने रियो के लिए की थी।’’ भाला फेंक एफ48 स्पर्धा में 18 साल के रिंकू ने भी प्रभावी प्रदर्शन किया। रोहतक का यह खिलाड़ी रियो में पांचवें स्थान पर रहा था लेकिन यहां उन्होंने पैरालंपिक के अपने निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में सुधार करते हुए 55.12 मीटर के साथ चौथा स्थान हासिल किया और मामूली अंतर से भारत के लिए एक और पदक जीतने से चूक गया। पुरुष एफ57 गोला फेंक स्पर्धा में वीरेंद्र धनखड़ ने 13 .62 मीटर के साथ चौथा स्थान हासिल किया।
सुंदर सिंह गुर्जर बने वर्ल्ड पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय
सुंदर सिंह गुर्जर का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
Written by भाषा

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First published on: 15-07-2017 at 14:22 IST