अमेरिकी स्टार खिलाड़ी सेरेना विलियम्स सोमवार (27 जून) से यहां शुरू हो रहे विम्बलडन में सातवां खिताब हासिल करने और 22 ग्रैंडस्लैम ट्रॉफियों के रिकॉर्ड की बराबरी करने की कोशिश करेंगी। करीब 12 महीने पहले विम्बलडन के सेंटर कोर्ट में खिताब हासिल करने के बाद वह ज्यादा जीत दर्ज नहीं कर सकीं। वह अपने अभियान की शुरुआत स्विस क्वालीफायर अमरा सादिकोविच के खिलाफ करेंगी। गार्बिने मुगुरूजा पर विम्बलडन फाइनल में जीत से पहले सेरेना ने साल के सभी तीनों मेजर खिताब अपने नाम कर लिए थे, जिससे वह 1988 में स्टेफी ग्राफ के बाद कैलेंडर ग्रैंडस्लैम सुनिश्चित करने वाली पहली महिला बनने के करीब पहुंच गयी थीं। लेकिन अमेरिकी ओपन के सेमीफाइनल में रोबर्टा विंसी से हारने से वह इसे इतिहास बनाने से चूक गयीं। न्यूयार्क में इस हार के बाद उनके आत्मविश्वास में काफी कमी दिखायी देने लगी है।
लंबे समय तक वह अपने तेज तर्रार गेम और प्रतिस्पर्धी प्रवृति से प्रतिद्वंद्वियों को डराती रही थीं लेकिन इस साल उन्होंने पांच में से एक टूर्नामेंट में जीत दर्ज की है। वह मई में रोम में जीती थीं, उन्हें ऑस्ट्रेलियन और फ्रेंच ओपन फाइनल में उलटफेर का सामना करना पड़ा। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वह अमेरिकी ओपन में मिली हार से अभी तक नहीं उबरी हैं। जनवरी में मेलबर्न में जर्मनी की एंजेलिक कर्बर ने इसी का फायदा उठाया जबकि स्पेन की मुगुरूजा ने विम्बलडन हार का बदला इस महीने के शुरू में पेरिस में खिताब जीतकर चुकाया।
इस साल दो बार फाइनल में हारने के बावजूद सेरेना के पास 21 ग्रैंडस्लैम खिताब हैं, वह ग्राफ के 22 ओपन युग रिकॉर्ड से एक जबकि मार्गेट कोर्ट के सर्वकालिक 24 के रिकॉर्ड से तीन खिताब पीछे हैं। चौंतीस वर्षीय विश्व रैंकिंग में नंबर एक स्थान हासिल करने वाली सबसे उम्रदराज खिलाड़ी हैं। 2015 में उनका मैच रिकॉर्ड 53.3 रहा था लेकिन उन्होंने स्वीकार किया है 2016 उनके लिए निराशाजनक रहा है। उनसे इस साल का आकलन करने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘यह इतना अच्छा नही रहा जितना मैं चाहती थी। मैं इससे बेहतर कर सकती थी। लेकिन ईमानदारी से कहूं तो मैं 2015 के बारे में भी ऐसा ही महसूस कर रही थी।’
सेरेना ने अपने छह विम्बलडन खिताब में से पहला यहां 2002 में जीता था। मारिया शारापोवा दो साल के डोपिंग प्रतिबंध के कारण इसमें नहीं खेलेंगी, जिससे सेरेना के खिताब के लिये चुनौती दूसरी रैंकिंग की मुगुरूजा, विम्बलडन के फाइनल में पहुंचने वाली एग्निस्का राद्वांस्का और कर्बर तथा दो बार की विम्बलडन विजेता पेत्रा क्वितोवा हैं। कर्बर पहले राउंड में ब्रिटिश वाइल्डकार्डधारी लौरा राबसन से भिड़ेंगी। उन्होंने कहा, ‘सेरेना निश्चित रूप से प्रबल दावेदार हैं लेकिन यह कहना मुश्किल है कि कौन जीतेगा। कुछ भी हो सकता है। मैं जानती हूं कि मैं किसी को भी हरा सकती हूं।’ मुगुरूजा इटली की कैमिला गियोर्गी के खिलाफ अपने अभियान की शुरूआत करेंगी। अपना पहला ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने के बाद वह भी चुनौती देने के लिये तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘विम्बलडन के फाइनल में पहुंचना, बहुत विशेष होगा।’