रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता वीनस विलियम्स को कथित तौर पर थेरेपेटिक यूज एक्जेंपशन (टीयूई) के तहत प्रतिबंधित पदार्थों के इस्तेमाल की स्वीकृति दिए जाने की रिपोर्ट सामने आने के बाद भारत की स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा चाहती हैं कि अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) इस मामले को उचित अधिकारियों के बीच उठाए लेकिन राष्ट्रीय संघ ने कहा है कि उसे कोई जल्दबाजी नहीं है। रूस के हैकिंग समूह ‘फैंसी बियर्स’ ने दावा किया है कि उनके पास कई फाइलें हैं जो दर्शाती हैं कि वीनस और उनकी बहन सेरेना विलियम्स सहित कई अमेरिकी खिलाड़ियों को विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने टीयूई प्रक्रिया के तहत प्रतिबंधित पदार्थ लेने की स्वीकृति दी।

सानिया और रोहन बोपन्ना को रियो ओलंपिक के मिश्रित युगल सेमीफाइनल में वीनस और राजीव राम के खिलाफ शिकस्त का सामना करना पड़ा था जो बाद में उप विजेता बने। सूत्रों के अनुसार सानिया की मां नसीमा ने एआईटीए के आजीवन अध्यक्ष और आईटीएफ उपाध्यक्ष अनिल खन्ना को फोन करके इस मामले को देखने को कहा है। एक सूत्र ने कहा, ‘उन्होंने सूचित किया कि विलियम्स बहनें वाडा के डोप परीक्षण में विफल रही हैं और हमें यह मामला आईओए और आईओसी के साथ उठाना चाहिए।’

पता चला है कि एआईटीए की तेलंगाना से मान्यता प्राप्त इकाई के अशोक कुमार ने भी एआईटीए से इस मामले को उठाने को कहा है। एआईटीए के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने इस मांग की पुष्टि की है लेकिन कहा कि इस मामले में वे जल्दबाजी नहीं करेंगे क्योंकि अभी यह स्थापित करने की जरूरत है कि वीनस की असल में गलती थी। पदाधिकारी ने कहा, ‘सिर्फ किसी खबर के आधार पर हम दावा नहीं कर सकते। प्रक्रिया का पालन करना होगा। हमें आईओए से संपर्क करने की जरूरत है, आईओए इसके बाद इसे आईओसी के समक्ष ले जाएगा क्योंकि ओलंपिक उनके अधिकार क्षेत्र में आता है। हम जल्दबाजी नहीं कर सकते।’