सलगांवकर और स्पोर्टिंग क्लब डि गोवा ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के पुनर्गठन के प्रस्तावों के खिलाफ आई लीग से हटने का फैसला किया था और अब उन्होंने अपने निर्णय पर दोबारा विचार करने के लिए एआईएफएफ के समक्ष तीन मांग रखी हैं। क्लबों के मालिकों की एआईएफएफ के महासचिव कुशाल दास, आई लीग के मुख्य कार्यकारी सुनंदो धर और आईएमजी-रिलायंस के चिराग तन्ना के बीच हुई बैठक में इन तीन मांगों को पेश किया गया।
सलगांवकर के मालिक शिवानंद सलागंवाकर और स्पोर्टिंग क्लब डि गोवा के पीटर वाज ने पिछले हफ्ते आई लीग से हटने का फैसला किया गया था, इन दोनों ने तीन सिद्धांतों के साथ संयुक्त बयान पेश किया है। ये तीन मांग इस प्रकार हैं, आई लीग में टीमों (क्वालीफाई करने वाली सभी टीमें शीर्ष लीग का हिस्सा हैं) को दूसरे टीयर लीग में रेलीगेट नहीं करना, मौजूदा आई लीग क्लबों के लिये कोई बोली लगाने की प्रक्रिया नहीं और फ्रेंचाइजी की कोई फीस नहीं, संचालन के सारे मुद्दे विशेष रूप से एआईएफएफ के ही होने चाहिए।
दास ने कहा कि वह एआईएफएफ के अध्यक्ष और कार्यकारी समिति तथा उनके प्रबंधन साझीदार आईएमजी-रिलायंस से बातचीत करके 31 जुलाई को या इससे पहले अंतिम प्रस्ताव पेश करेंगे। सलगांवकर और स्पोर्टिंग क्लब डि गोवा ने कहा कि उनका आई लीग से हटने का फैसला तब तक कायम रहेगा जब तक प्रस्ताव में उनकी तीन मांगों को मान नहीं लिया जाता।