कभी बिना रुके दौड़ने के अंदाज से सबको हैरान कर देने वाला बुधिया सिंह तो याद ही होगा। फिर भी अगर भूल गए हैं, तो याद दिला दें कि बुधिया 2006 में उस वक्त सुर्खियों में आया था जब उसने 65 किलोमीटर की दूरी (पुरी से भुवनेश्वर) को सात घंटे, दो मिनट में पूरा कर लिया था। उस वक्त वह कुल चार साल का था। लेकिन, अब हालात और बुधिया दोनों बदल गए हैं। बुधिया अब छोटी सी दूरी में भी सही से नहीं भाग पाता। फिलहाल वह भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम हॉस्टल में रहकर वहीं ट्रेनिंग कर रहा है। अब 15 साल के हो चुके बुधिया ने कहा, ”मैं 400 मीटर की दौड़ में भी सबसे लास्ट आता हूं। यह सब इसलिए है क्योंकि मुझे ट्रेनिंग देने के लिए कोई नहीं है।’

कम दूरी वाले धावकों पर रहता है स्टेडियम का फोकस: बुधिया की शिकायत है कि जिस स्टेडियम में उसको रखा गया है उसका पूरा फोकस छोटी दूरी की रेस में हिस्सा लेने वाले धावकों पर रहता है। बुधिया को पहले ट्रेनिंग देने वाले कोच विरंची दास की हत्या कर दी गई थी।  बुधिया ने आगे कहा, ‘जब मुझे यहां लाया गया था तब कहा गया था कि मैं वीकेंड पर अपने घरवालों से मिलने के लिए जा सकता हूं, लेकिन बाद में सब चीजों के लिए मना कर दिया गया। मेरी मां और बहनें कभी-कभी मिलने के लिए आती हैं।’

फिल्म का है इंतजार: बुधिया ने बताया कि उसे अपने ऊपर बन रही फिल्म के रिलीज होने का इंतजार है। बुधिया को लगता है कि अगस्त में रिलीज हो रही फिल्म को देखकर लोगों का ध्यान उसकी तरफ जरूर जाएगा। बुधिया ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि लोग मेरी फिल्म देखेंगे और फिर से रफ्तार पकड़ने में मेरी मदद करेंगे।’

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प्रोड्यूसर ने दिए हैं पैसे: बुधिया की मां ने बताया कि फिल्म के प्रोड्यूसर ने उन्हें 2.7 लाख रुपए दिए हैं। इसे वह अपने बेटे के करियर में लगाना चाहती हैं। हालांकि, उनकी बहन की इस साल शादी होनी है। इसलिए मिले पैसों में से कुछ उसमें लगेंगे और बाकी को बुधिया के लिए रख दिया जाएगा।