सत्रह बार के ग्रैंडस्लैम चैम्पियन रोजर फेडरर ने गुरुवार (26 जनवरी) को यहां पांच सेट तक चले रोमांचक मुकाबले में स्विट्जरलैंड के साथी और करीबी मित्र स्टेन वावरिंका को हराकर ऑस्ट्रेलियाई ओपन के पुरुष एकल वर्ग के फाइनल में प्रवेश किया जिससे वह 43 वर्षों में ग्रैंडस्लैम के फाइनल में पहुंचने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गये। फेडरर ने दुनिया के चौथे नंबर के खिलाड़ी को तीन घंटे और पांच मिनट में 7-5, 6-3, 1-6, 4-6, 6-3 से शिकस्त दी और अब वह रविवार को होने वाले फाइनल में राफेल नडाल और ग्रिगोर दिमित्रोव के बीच शुक्रवार को होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से भिड़ेंगे। पैंतीस वर्षीय फेडरर का यह छठा ऑस्ट्रेलियाई ओपन फाइनल और कुल 28वां ग्रैंडस्लैम फाइनल होगा। घुटने की चोट के कारण वह पिछले सत्र के दूसरे हिस्से में नहीं खेल पाये थे, लेकिन उनकी वापसी शानदार रही।

चार बार के ऑस्ट्रेलियाई ओपन चैम्पियन इस तरह ग्रैंडस्लैम के फाइनल में पहुंचने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गये। उनसे पहले ऑस्ट्रेलिया के केन रोजवेल 39 साल 310 दिन की उम्र में 1974 यूएस ओपन के फाइनल में पहुंचे थे। यह मुकाबला काफी रोमांचक रहा जिसमें फेडरर ने शुरूआती दो सेट अपने नाम किये, लेकिन वावरिंका वापसी करते हुए इसे पांचवें सेट तक ले गये जिसमें फेडरर ने छठे गेम में सर्विस तोड़कर वर्चस्व कायम रखा। वावरिंका ने 2014 आस्ट्रेलियाई ओपन के फाइनल में नडाल को हराया था और वह अपने चौथे ग्रैंडस्लैम और मेलबर्न में अपने दूसरे फाइनल में पहुंचने की कोशिश में थे।

पैंतीस वर्षीय फेडरर ने कोर्ट पर कहा, ‘हां, अब यह सच लग रहा है। मैं पहली बार फाइनल्स में खेलने के बारे में बात कर सकता हूं। मैं पिछले कुछ दिनों से पिछले दौर के बाद अगले दौर के बारे में बात कर रहा था लेकिन अब यह अंतिम दौर होगा।’ फेडरर ने वावरिंका के दूसरे सर्विस गेम में तीन ब्रेक प्वाइंट हासिल किये और वावरिंका को दो ब्रेक प्वाइंट मिले, लेकिन सभी को उन्होंने बचा लिया। वावरिंका ने 11वें गेम में एक और ब्रेक प्वॉइंट बचाया लेकिन अगले सर्विस गेम में फोरहैंड नेट पर गिराकर शुरूआती सेट 50 मिनट में गंवा बैठे। दूसरे सेट में वावरिंका ने छठे गेम में ब्रेक प्वाइंट पर बैकहैंड से नेट पर गिरा दिया और प्रतिक्रिया करते हुए रैकेट पर अपना गुस्सा दिखाया जिससे उन्हें चेयर अंपायर से आचार संहिता के उल्लघंन में चेतावनी मिली। फेडरर दो सेट की बढ़त बना चुके थे। वावरिंका मेडिकल टाइमआउट लेकर कोर्ट से चले गये और अपने दायें घुटने में पट्टी बांधकर कोर्ट पर उतरे। फिर वावरिंका ने दो ब्रेक प्वॉइंट हासिल कर तीसरा सेट महज 26 मिनट में अपने नाम कर लिया।

चौथे सेट के शुरूआती गेम में भी वावरिंका ने खूबसूरत बैकहैंड रिटर्न विनर से सर्विस तोड़ी। वावरिंका ने कुछ शानदार मैदानी स्ट्रोक्स से नौंवे गेम में तीन ब्रेक प्वाइंट हासिल किये और तीसरे ब्रेक प्वॉइंट पर फारहैंड से क्रास कोर्ट विनर लगाकर अंक जुटाये और अपनी सर्विस पर जीत दर्ज करके मैच पांचवें सेट तक ले गये। लेकिन वावरिंका को खराब सर्विस गेम का खामियाजा भुगतना पड़ा और डबल ब्रेक प्वॉइंट पर डबल फॉल्ट के कारण उन्हें नुकसान हुआ जिससे फेडरर ने 4-2 की अहम बढ़त बना ली। फेडरर ने बचे हुए दो सर्विस गेम में वावरिंका को मौका नहीं दिया और अपने तीन मैच प्वॉइंट में पहले में ही मैच अपने नाम किया।