भारतीय टेनिस स्टार लिएंडर पेस की इच्छा सिर्फ दूसरा ओलंपिक पदक जीतने की ही नहीं बल्कि भारत के लिए सर्वाधिक एकल जीत दर्ज करने का रामानाथन कृष्णन का डेविस कप रिकॉर्ड तोड़ने की भी है। पेस अगले महीने रियो में रिकॉर्ड सातवां ओलंपिक खेलेंगे। उनके पिता डॉक्टर वेस पेस ने कहा,‘उसके आगे कई लक्ष्य है जिसमें से एक ओलंपिक में युगल पदक जीतना है। इसके अलावा विश्व युगल चैम्पियनशिप में पदक जीतना और रामानाथन कृष्णन (50) का सर्वाधिक एकल जीत दर्ज करने का रिकॉर्ड तोड़ना है।’
यह पूछने पर कि लिएंडर अब एकल मैच नहीं खेलता, पेस ने कह ,‘लंबे समय से नहीं खेला है लेकिन उसने कई रिकॉर्ड बनाए हैं। वह अपने लक्ष्य खुद बनाता है। वह चंडीगढ में डेविस कप एकल खेलना चाहता था क्योंकि वह औपचारिकता का मुकाबला था। लेकिन बाद में उसने फैसला बदल दिया क्योंकि उसका पूरा फोकस ओलंपिक पर है। उसे फिर से एकल खेलने की उम्मीद है। वह कृष्णन के रिकॉर्ड से दो जीत दूर है।’ लिएंडर ने डेविस कप में 48 एकल और 42 युगल मैच जीते हैं जबकि कृष्णन ने 50 एकल और 19 युगल मैच जीते हैं। डॉक्टर पेस का मानना है कि लिएंडर समय के साथ परिपक्व हुआ है। उन्होंने कहा,‘वह पहले काफी आक्रामक था लेकिन अब शांत है और तकनीकी तौर पर परिपक्व हुआ है।’
लिएंडर ने विश्व रैंकिंग पर 10वें स्थान पर रहने के साथ ही ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया था लेकिन रोहन बोपन्ना ने उनकी जगह साकेत माइनेनी को चुना। बाद में एआईटीए के दखल पर लिएंडर के साथ जोड़ी बनाई गई। उन्होंने कहा,‘लिएंडर पिछले 23 साल से खेल रहा है और खेल की राजनीति समझता है। अब निजी मतभेदों को देश के लिए भुलाने का समय आ गया है। देश के लिए खेलना निजी अहम या मतभेदों से ऊपर है।’ उन्होंने कहा,‘रोहन भी पेशेवर खिलाड़ी है और उसे पता है कि किसी खास शैली के साथ कैसे तालमेल बिठाना है। मुझे खुशी है कि वे साथ में खेल रहे हैं। हमारे पास ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ युगल टीम है। हम पदक की उम्मीद कर सकते हैं।’