ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता दिग्गज निशानेबाज अभिनव बिंद्रा और अंजली भागवत ने राष्ट्रीय राजधानी के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर सीमा शुल्क विभाग द्वारा भारतीय निशानेबाजों को 13 घंटे तक रोके रखने पर भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) की जमकर आलोचना की है। सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों ने भारतीय खिलाड़ियों को उनके हथियारों के कारण रोके रखा। निशानेबाज चेक गणराज्य में प्लाजेन ग्रांप्री. निशानेबाजी स्पर्धा में हिस्सा लेकर लौट रहे थे जब उन्हें हवाई अड्डे से बाहर नहीं जाने दिया गया और घंटों रोके रखा गया। इस हादसे की आलोचना करते हुए बिंद्रा ने कई ट्वीट किए और कहा कि निशानेबाज देश के राजदूत हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों के साथ क्या कभी इस तरह का व्यवहार किया जाएगा। बिंद्रा ने लिखा, “आईजीआई हवाईअड्डे पर राष्ट्रीय निशानेबाजी टीम को रोके रखने की खबर सुनकर दुखी हूं। सीमा शुल्क विभाग ने उनकी बंदूकों को उन्हें नहीं दिया।”
उन्होंने लिखा, “वह हमारे देश के राजदूत हैं। उनके साथ इस तरह का व्यवहार नहीं होना चाहिए। क्या ऐसा कभी भारतीय क्रिकेट टीम के साथ हो सकता है?” उन्होंने लिखा, “मैंने कुछ खिलाड़ियों से बात की है। राष्ट्रीय महासंघ का इस मामले पर जो रवैया रहा, वो निराशजनक है।” पूर्व ओलम्पिक महिला निशानेबाज भागवत ने कहा कि इस तरह के हादसे नए नहीं हैं। उन्होंने इसके लिए एनआरएई और खिलाड़ियों के बीच संपर्क की कमी को जिम्मेदार ठहाराया है।
उन्होंने ट्वीट किया, “क्या इस तरह से ओलम्पिक खिलाड़ियों से बर्ताव किया जाता है? बड़े टूर्नामेंट से पहले यह खिलाड़ियों की मानसिक प्रताड़ना है। मैं जानती हूं कि जब ऐसा होता है तो कैसा लगता है।” निशानेबाजों ने शिकायत की है कि इस मामले के कारण उन्होंने अपना कीमती समय गंवाया, जो वो अभ्यास में लगाते। 17 मई से म्यूनिख में विश्व कप होने वाला है।
Saddened to hear that the National Shooting Team is detained at The IGI Airport with the customs refusing to clear their guns. 1/3
— Abhinav A. Bindra OLY (@Abhinav_Bindra) May 9, 2017
They are our countries ambassadors and should not be treated like this. Would this ever happen to our cricket team ? 2/3
— Abhinav A. Bindra OLY (@Abhinav_Bindra) May 9, 2017
The official team manager of the shotgun team left this morning leaving the athletes to fend for them selves.
— Abhinav A. Bindra OLY (@Abhinav_Bindra) May 9, 2017
Is this the way to treat our Olympians? This is mental torture before major tournament. I know how bad it feels as this has happened before.
— Anjali Bhagwat OLY (@Anjali__Bhagwat) May 9, 2017

