पिछले प्रदर्शन को देखते हुए भारतीय पुरुष हॉकी टीम को भले ही रियो ओलंपिक में पदक के दावेदारों में नहीं गिना जा रहा हो लेकिन मुख्य कोच रोलेंट ओल्टमेंस का कहना है कि सही समय पर सब कुछ ठीक रहने पर ओलंपिक में पदक जीता जा सकता है। आठ बार की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय टीम लंदन ओलंपिक 2012 में 12वें स्थान पर रही थी लेकिन ओल्टमेंस का मानना है कि यदि खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सके तो इस बार कुछ भी हो सकता है।
उन्होंने कहा,‘‘हमारे पास ऐसी टीम है जो पदक जीत सकती है बशर्ते सही समय पर सब कुछ सही हो और ओलंपिक यही है।’’
उन्होंने कहा,‘‘सवाल यह है कि क्या आप सही समय पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकेंगे। यदि कर पाये तो हम पदक के दावेदार हैं।’’
उन्होंने कहा,‘‘हर टीम ओलंपिक में पदक जीतना चाहती है। हम भी चाहते हैं लेकिन इसके लिए हमें अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा। मैं कदम दर कदम रणनीति बनाता हूं। मेरे लिए पहला लक्ष्य पूल चरण को पार करके क्वार्टर फाइनल में पहुंचना होगा। उसके बाद हमें सिर्फ तीन मैच और जीतने हैं।’’
भारत को गत चैम्पियन जर्मनी, यूरोपीय चैम्पियन नीदरलैंड, पेन अमेरिका खेल विजेता अर्जेंटीना, आयरलैंड और कनाडा के ग्रुप में रखा गया है। वहीं पूल ए में विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, मेजबान ब्राजील, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड और स्पेन है। दोनों पूल से शीर्ष चार टीमें क्वार्टर में पहुंचेगी।
ओल्टमेंस ने कहा,‘‘मेरे लिए पूल नया नहीं है। यह विश्व रैंकिंग पर आधारित है और काफी निष्पक्ष है। हमें शीर्ष चार में रहने के लिए बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा। यह हमारा पहला लक्ष्य है। क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के बाद एक मैच जीतने पर सब कुछ बदल सकता है।’’
भारतीय हॉकी के हाई परफॉर्मेंस निदेशक ओल्टमेंस ने कहा कि टीम पी आर श्रीजेश के रूप में सिर्फ एक गोलकीपर को लेकर उतर सकती है। उन्होंने कहा,‘‘इस पर बात की जाएगी लेकिन आम तौर पर टीमें एक ही गोलकीपर को लेकर आती है। रिजर्व में दो खिलाड़ियों में से एक गोलकीपर होगा। अधिकांश टीमें ऐसा ही करती है और मैं भी इसी का सुझाव दूंगा।’’
ओल्टमेंस ने कहा कि ओलंपिक से पहले भारतीय टीम सीनियर खिलाड़ियों को आराम देती रहेगी लेकिन उन्होंने आगाह किया कि किसी भी खिलाड़ी को टीम में अपनी जगह पक्की नहीं समझनी चाहिए। उन्होंने कहा,‘‘बात सिर्फ जूनियर खिलाड़ियों को मौका देने की नहीं है बल्कि सीनियर खिलाड़ियों को भी आराम देना जरूरी है। अगले दो टूर्नामेंटों में हम ऐसा ही करेंगे। इसके बाद ओलंपिक के लिए सही संयोजन तलाशा जाएगा। हर किसी के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा है और यह अच्छा है।’’