ओलंपिक खेलों से पहले आत्मविश्वास जुटाने की कवायद में भारतीय हॉकी टीम शुक्रवार (10 जून) से यहां शुरू हो रही चैम्पियंस ट्रॉफी में पोडियम पर जगह बनाने के इरादे से उतरेगी जिसमें उसका सामना शुरुआती मैच में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता जर्मनी से है। भारत ने अब तक चैम्पियंस ट्रॉफी में सिर्फ एक बार 1982 में एम्सटर्डम में कांस्य पदक जीता है। इसके बाद सात मौकों पर भारत कांस्य पदक का मुकाबला हार गया। पिछली दो चैम्पियंस ट्रॉफी 2012 (मेलबर्न) और 2014 (भुवनेश्वर) में भारत चौथे स्थान पर रहा।
कोच रोलेंट ओल्टमेंस ने कहा,‘चैम्पियंस ट्रॉफी में हमारा लक्ष्य पोडियम पर रहने का है। यहां पदक जीतने से ओलंपिक से पहले आत्मविश्वास बढ़ेगा। रियो दि जिनेरियो हमारा फोकस है और यहां अच्छे नतीजे मिलने से टीम का मनोबल बढ़ेगा।’ यहां अच्छे प्रदर्शन से भारत 2012 लंदन ओलंपिक में आखिरी स्थान पर रहने की कड़वीं यादों को भुला सकेगा। इससे पहले भारत ने लंदन में 1948 में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता था। ओल्टमेंस ने कहा,‘हमें चुनौती पसंद है लेकिन मैच हालात में हमें अपनी रणनीति पर अमल करना होगा।’
कोच ने ओलंपिक से पहले सभी खिलाड़ियों को मौका देने की कवायद में रोटेशन प्रणाली अपनाई है। सुल्तान अजलन शाह कप में भी युवाओं को उतारा गया था जिसमें भारत ने रजत पदक जीता। गोलकीपर पी आर श्रीजेश चैम्पियंस ट्रॉफी में टीम की कमान संभालेंगे। अजलन शाह कप से बाहर रहे पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ वी आर रघुनाथ ने टीम में वापसी की है जबकि सरदार सिंह और रूपिंदर पाल सिंह को आराम दिया गया है।
अजलन शाह कप में अच्छा प्रदर्शन करके युवा पेनल्टी कार्नर विशेषज्ञ हरमनप्रीत सिंह ने टीम में जगह बरकरार रखी है। गोलकीपर विकास दहिया और प्रदीप मोर बड़े टूर्नामेंट में पहली बार खेलेंगे। ओल्टमेंस ने कहा,‘हमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। कुछ दूसरी टीमों ने भी युवाओं को उतारा है लेकिन अच्छे प्रदर्शन से ही हम अपने से बेहतर टीमों को हरा सकेंगे।’
दुनिया की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया, तीसरी रैंकिंग वाली जर्मनी, चौथी रैंकिंग वाली ब्रिटेन और पांचवीं रैंकिंग वाली बेल्जियम सभी भारत से ऊपर है जबकि भारत एफआईएच रैंकिंग में सातवें स्थान पर है। ऑस्ट्रेलिया ने चैम्पियंस ट्राफी में 13 स्वर्ण पदक जीते हैं जबकि नीदरलैंड ने आठ पीले तमगे अपने नाम किए हैं। नीदरलैंड ने ओलंपिक की तैयारी के लिए इस बार टीम नहीं उतारी है।
छह महीने पहले रायपुर में विश्व हॉकी लीग फाइनल में कांस्य पदक जीतने से भारत के हौसले बढ़े है। पिछले तीन दशक में पहली बार भारत ने किसी वैश्विक टूर्नामेंट में पदक जीता था। चैम्पियंस ट्रॉफी में अच्छे प्रदर्शन के भारत के पास बस दो और मौके हैं। एफआईएच 2018 के बाद इस टूर्नामेंट को खत्म करके नयी वैश्विक लीग शुरू करेगा।’
इस बार चैम्पियंस ट्रॉफी में छह टीमें राउंड रॉबिन आधार पर खेलेगी और दो शीर्ष दो टीमें फाइनल खेलेंगी। तीसरे और चौथे स्थान की टीम कांस्य पदक का प्लेऑफ खेलेंगी। भारत का राउंड राबिन लीग कार्यक्रम इस प्रकार है।
भारत बनाम जर्मनी (10 जून)
भारत बनाम ब्रिटेन (11 जून)
भारत बनाम बेल्जियम (13 जून)
भारत बनाम दक्षिण कोरिया (14 जून)
भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (16 जून)