भारत के स्टार युगल टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना सितंबर में पाकिस्तान के खिलाफ उसी की सरजमीं पर डेविस कप मुकाबले में खेलने को लेकर उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार की कोई चिंता नहीं है। भारत को 14-15 सितंबर को पाकिस्तान के खिलाफ इस्लामाबाद के पाकिस्तान खेल परिसर में डेविस कप एशिया-ओसियाना ग्रुप ए मुकाबला खेलना है। फरवरी में पुलवामा में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत के बाद अटकलें लगाई जा रही थी कि भारत डेविस कप मुकाबले में खेलने से इनकार कर सकता है लेकिन अखिल भारतीय टेनिस महासंघ ने कहा है कि इस मैच को लेकर कोई संशय नहीं है। एआईटीए का कहना है कि अगर भारत मुकाबले के लिए नहीं जाता है तो अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ के नियमों के अनुसार उन्हें ‘डिस्क्वालीफाई’ किया जा सकता है। बोपन्ना ने हालांकि कहा कि वे पाकिस्तान में ग्रास कोर्ट पर इस मुकाबले में खेलने को लेकर उत्सुक हैं और सुरक्षा को लेकर चिंतित नहीं हैं। बोपन्ना ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘मैं इस मुकाबले को लेकर उत्सुक हूं। मैंने ऐसाम उल हक कुरैशी से बात की है जो मेरा काफी अच्छा मित्र है और उसने कहा है कि सब कुछ ठीक है। मैं पहले भी वहां गया हूं और उनकी मेहमाननवाजी काफी अच्छी है इसलिए कोई चिंता नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘टीम में कौन खेलेगा यह फैसला मुझे नहीं करना है, यह फैसला कप्तान (महेश भूपति) को करना है। मुझे तो यह भी नहीं पता कि मुझे टीम में चुना जाएगा या नहीं।’’ दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने रविवार को विबंलडन के पुरुष एकल फाइनल में महान खिलाड़ी रोजर फेडरर को 7-6, 1-6, 7-6, 4-6, 13-12 से हराया और बोपन्ना का मानना है कि फेडरर के दमखम में 37 साल की उम्र में भी कोई कमी नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘ग्रैंडस्लैम जीतना एक पूरी प्रक्रिया है, इसके लिए आपको सही तरह के समर्थन, सुविधाओं की जरूरत है। महासंघ के अलावा कारपोरेट कंपनियां भी सहयोग कर रही हैं। प्रत्येक शहर में सहयोग की जरूरत है, टेनिस काफी खेलों से अलग है और यह 200 से अधिक देशों में खेला जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि भारत में जितने अधिक टूर्नामेंट होंगे उससे उतनी मदद मिलेगी। जहां तक एकल ग्रैंडस्लैम जीतने का सवाल है तो आप देखेंगे कि पिछले 15 साल से सिर्फ चार खिलाड़ी इन्हें जीत रहे हैं।