जर्मनी के स्टार फुटबालर लुकास पोडोलस्की ने शानदार अंदाज में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कहा। उन्होंने बुधवार की रात इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए द्विपक्षीय मुकाबले में खेल के 69वें मनट में गोल कर अपनी टीम जर्मनी को जीत दिला दी और इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय फुटबाल से संन्यास ले लिया। बॉयर्न म्यूनिख और आर्सेनल फुटबाल क्लब के इस पूर्व खिलाड़ी ने अपने बाएं पैर से शानदार शॉट जमाकर गेंद इंग्लैंड के गोलपोस्ट में डाल दिया और वेस्टफैलेंस्टेडियन ग्राउंड पर मौजूद दर्शकों ने खड़े होकर तालियां बजाते हुए पोडोलस्की का अभिवादन किया। कोच जोकिम लो के मार्गदर्शन में जर्मनी ने इंग्लैंड को 1-0 से हरा कर मैच अपने नाम कर लिया।
ऐसा नहीं था कि स्टेडियम में मौजूद दर्शक ही लुकास पोडोलस्की के उस गोल से प्रभावित थे, बल्कि इंग्लैंड टीम के गोलकीपर जो हार्ट भी पोडोलस्की के गोल से काफी प्रभावित दिखे और मैच खत्म होने के बाद उनसे हाथ मिलाकर कहा, ‘यह एक बेहतरीन शॉट था लुकास, बेहतरीन!’ इस तरह इंग्लैंड के खिलाफ मैत्री फुटबॉल मैच में निर्णायक गोल दागने वाले लुकास पोडोलस्की की अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से विदाई शानदार रही। जर्मनी के स्टार स्ट्राइकर रहे लुकास पोडोलस्की ने अपने 13 साल के अन्तरराष्ट्रीय कॅरियर में 130 मैच खेले हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मैच में अपना 49वां गोल दागा जो आखिर में निर्णायक साबित हुआ। पोडोलस्की के साथी खिलाड़ी मेसुत ओजिल ने ट्विट कर उनको शुक्रिया कहा और कहा कि जर्मनी की टीम उनको मिस करेगी।
??? Good win ⚽ and much more important a massive last game for @Podolski10! You will be missed! #TschöPoldi #GERENG pic.twitter.com/utZhPBkwNP
— Shkodran Mustafi (@MustafiOfficial) March 22, 2017
??? With the man of the night @Podolski10 ??? #Friends #TschöPoldi #DieMannschaft @DFB_Team pic.twitter.com/ZyOdfaVPDf
— Shkodran Mustafi (@MustafiOfficial) March 22, 2017
वीडियो: जर्मनी पूर्व स्ट्राइकर लुकास पोडोलस्की के टॉप 10 गोल्स
पोडोलस्की ने कहा-जिस तरह से जर्मनी के लिए मेरे करियर का अंत हुआ वह किसी फिल्म जैसा था। ईश्वर ने मेरा बायां पैर मजबूत बनाया जिसका मैंने मैच में उपयोग किया। मुझे अपने पिछले 13 साल के करियर पर गर्व है। यह शानदार मैच था, इसका परिणाम शानदार रहा और मैंने शानदार तरीके से अलविदा कहा।
पोडोलस्की ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू धरती पर 1987 के बाद पहली जीत में अपनी विश्व चैंपियन टीम की अगुआई भी की। 31 साल के पोडोलस्की ने 2004 में प्री-यूरोपियन चैंपियनशिप में हंगरी के खिलाफ अपले अंतरराष्ट्रिय करियर की शुरुआत की थी। पोडोलस्की का अंतरराष्ट्रीय करियर 13 वर्षों का रहा और इस दौरान वो फीफा विश्व कप खिताब जीतने वाली जर्मन टीम के प्रमुख खिलाड़ी भी रहे।