इस साल मुक्केबाजी में द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए चुने गए सागर मल दयाल भारतीय महिला मुक्केबाजों के साथ 10 साल के कोचिंग करियर के दौरान कई भूमिकाएं निभा चुके हैं और वह एमसी मैरीकोम के ‘अभ्यास में साथी मुक्केबाज’ रहने के अलावा 2014 एशियाई खेलों के विवाद के दौरान एल सरिता देवी के लिए ‘पितातुल्य’ रहे।

जयपुर के 48 साल के दयाल को महान हाकी खिलाड़ी ध्यानचंद के जन्मदिवस के तौर पर 29 अगस्त को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर राष्ट्रपति भवन में यह सम्मान दिया जाएगा। वर्ष 1995 में कोच बनने से पूर्व स्वयं मुक्केबाज रहे दयाल 20 साल से अधिक समय से रेलवे को सेवाएं दे रहे हैं और 10 साल पहले सहयोगी स्टाफ के रूप में राष्ट्रीय महिला मुक्केबाजी टीम के साथ जुड़े।

दयाल ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं इस सम्मान के लिए आभारी हूं, विशेषकर महिला मुक्केबाजों का जिन्हें लगता है कि मैं इसका हकदार हूं। मैंने उनमें से कइयों के साथ काम किया है। मैरीकोम से लेकर पिंकी रानी (राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता) के साथ। अपने कोचिंग करियर के दौरान इंचियोन में 2014 एशियाई खेलों की घटना के अलावा अधिकांश समय दयाल पर्दे के पीछे ही रहे। इंचियोन में सेमीफाइनल में विवादास्पद हार के बाद सरिता ने कांस्य पदक स्वीकार करने से इनकार कर दिया था जो अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बना था।