यूरोप की दो शीर्ष टीमें जर्मनी और इटली यूरो 2016 फुटबॉल क्वार्टर फाइनल में शनिवार (2 जुलाई) को यहां जब आमने सामने होंगी तो रोमांचक मुकाबले की उम्मीद है। जर्मनी के कप्तान बास्टियन स्वेनस्टाइगर बोरडोक्स मैच में पहली बार शुरुआती एकादश में जगह बनाने के लिए तैयार हैं जबकि इटली के अनुभवी डिफेंडर डेनियल डि रोसी की फिटनेस पर सभी की नजरें होंगी। दोनों टीमों के बीच पिछले मुकाबलों में यूरो 2012 सेमीफाइनल में इटली ने 2-1 से जीत दर्ज की थी जबकि मार्च में मैत्री मैच में जर्मनी की टीम ने 4-1 से बाजी मारी थी।

जोकिम लोव की विश्व चैम्पियन जर्मनी और एंटोनियो कोंटे की इटली ने स्वीकार किया है कि यूरो चैम्पियनशिप फाइनल्स में यह उनका अब तक का सबसे कड़ा मुकाबला है। कोंटे ने तो यहां तक कहा है कि विश्व चैम्पियन टीम का सामना करना फुटबाल में ‘एवरेस्ट चढ़ने’ के समान है। इस बीच दोनों टीमों ने पेनल्टी शूट आउट की भी तैयारी की है जिससे कि मुकाबला फैसला शूट आउट में पहुंचने पर वे तैयार रहें।

इटली की टीम अच्छी फॉर्म में है और अंतिम 16 के मुकाबले में गत चैम्पियन स्पेन को 2-0 से हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर चुकी हैं। लेकिन इटली की टीम की राह आसान नहीं होगी क्योंकि यूरो 2016 में अब तक जर्मनी की टीम अजेय है। इटली का मनोबल हालांकि इस बात से बढ़ेगा कि मेजर टूर्नामेंट में जर्मनी की टीम उसे कभी नहीं हरा पाई है।

जर्मनी के मिडफील्डर टोनी क्रूस ने हालांकि कहा कि पिछला रिकॉर्ड कोई मायने नहीं रखता। उन्होंने कहा, ‘यह मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता कि हम बड़े टूर्नामेंट में इटली को कभी नहीं कर पाए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमने यहां जितनी टीमों का सामना किया उनमें वे सर्वश्रेष्ठ है। मैं मैच को लेकर बेताब हूं और काफी आशावान हूं।’