दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय बैडमिंटन संघ (बाइ) को यह जांच करने के लिए कहा है कि क्या अंडर-17 और अंडर-19 राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंटों में अधिक उम्र के खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति दी गई। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने हालांकि उन दो खिलाड़ियों पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया जिन पर आरोप लगा था कि उन्होंने अधिक उम्र का होने के बावजूद तिरुवनन्तपुरम में लड़कों और लड़कियों की अखिल भारतीय अंडर-17 और अंडर-19 रैंकिंग बैडमिंटन टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था। यह टूर्नामेंट 25 जून को समाप्त हो गया था। अदालत ने कहा, ‘टूर्नामेंट समाप्त हो चुका है और इसलिए इस तरह का अंतरिम आदेश नहीं दिया जा सकता है। हालांकि प्रतिवादी (बाइ) को सत्यापित करना चाहिए कि क्या राष्ट्रीय स्तर के बैडमिंटन टूर्नामेंट में अधिक उम्र के खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति दी गई। उसे 19 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।’