भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बी साई प्रणीत का मानना है कि कनाडा ओपन में अपना पहला ग्रां प्री खिताब जीतने से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है और वह बड़े खिताब जीतने से ज्यादा दूर नहीं हैं। पिछले कुछ सालों के दौरान चोटों और खराब फॉर्म के कारण यह 23 वर्षीय खिलाड़ी टूर्नामेंट जीतने में नाकाम रहा था। हालांकि इस बीच उन्होंने कुछ अवसरों पर अच्छी फॉर्म दिखाई। उन्होंने 2013 में थाईलैंड ओपन ग्रां प्री गोल्ड टूर्नामेंट में 2003 के ऑल इंग्लैंड चैंपियन मोहम्मद हफीज हाशिम को जबकि 2013 में ही इंडोनेशियाई ओपन में तौफिक हिदायत को हराया था।
इस साल ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में प्रणीत ने दो बार के ओलंपिक रजत पदक विजेता मलेशिया के ली चोंग वेई को पहले दौर में ही बाहर कर दिया था। इन सबके बावजूद वह खिताब से वंचित रहे थे। लेकिन रविवार (3 जुलाई) की रात को आंध्र प्रदेश के इस खिलाड़ी ने कोरिया के ली ह्यून को एकतरफा फाइनल में 21-12, 21-10 से हराकर अपना पहला ग्रां प्री खिताब जीता। प्रणीत ने कहा कि मुझे विश्वास नहीं था कि फाइनल इतना आसान होगा लेकिन मैंने जिस तरह का खेल दिखाया उससे मैं खुश हूं। मुझे खुशी है कि मैंने टूर्नामेंट जीता और ली ह्यून को हराने से मेरा आत्मविश्वास काफी बढ़ा है। मैंने इस टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि मेरा लक्ष्य बड़े टूर्नामेंट जीतना है और मैं जानता हूं कि यदि क्षमता की बात करें तो मैं इससे बहुत दूर नहीं हूं। उत्साह से लबरेज प्रणीत की निगाहें अब 120,000 डॉलर इनामी यूएस ओपन ग्रां प्री गोल्ड बैडमिंटन टूर्नामेंट पर टिकी हैं जिसमें वह स्वीडन के हेनरी हसकेनेन के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं इससे पहले उसके खिलाफ नहीं खेला हूं। मुझे अभी उसी मैच पर ध्यान दे रहा हूं।