अंडर-17 फुटबॉल विश्व कप के लिए भारतीय टीम के मुख्य कोच के चयन प्रक्रिया से उस समिति के ही कुछ सदस्य खुश नहीं हैं जिसे उपयुक्त व्यक्ति के नाम की सिफारिश करने के लिये गठित किया गया था। इन सदस्यों का कहना है कि राष्ट्रीय महासंघ उन्हें नजरअंदाज कर रहा है। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने इस महीने के शुरू में बर्खास्त किए गए निकोलेई एडम की जगह लेने के लिये पुर्तगाल के लुई नोर्टन डि मातोस को अपनी पहली पसंद बताया है। डि मातोस अनुबंध सबंधी मसलों पर चर्चा करने के लिए 27 या 28 फरवरी को भारत आकर एआईएफएफ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और खेल सचिव इंजेती श्रीनिवास से मिल सकते हैं। लेकिन कोच पद के नाम की सिफारिश करने के लिये एआईएफएफ द्वारा गठित विशेष समिति के एक सदस्य ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय महासंघ ने मातोस को नंबर एक पसंद बताकर पैनल को नजरअंदाज कर रहा है।
इस सदस्य ने कहा, ‘हमने किसी कोच की नंबर एक पसंद के रूप में सिफारिश नहीं की। एआईएफएफ भारत अंडर-17 टीम के लिये कोच नियुक्त करने के लिये अध्यक्ष द्वारा गठित विशेष समिति को नजरअंदाज कर रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘कुल 70 आवेदन आये थे जिनमें से हमने छंटाई करके पहले आठ और फिर तीन चार उम्मीद्वारों तक सीमित किया। हमारी कोच के चयन के लिये अंतिम बैठक होनी थी लेकिन यह बैठक हुई ही नहीं और एआईएफएफ ने समिति से मशविरा किये बिना खुद ही एक कोच (मातोस) को अपनी पहली पसंद बता दिया। यह सही नहीं है।’ इस समिति के सदस्यों में भारत के पूर्व दिग्गज फुटबालर बाईचुंग भूटिया, आई एम विजयन, एक अन्य पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अभिषेक यादव (अंडर-17 टीम के मुख्य संचालन अधिकारी) और एआईएफएफ तकनीकी निदेशक सैवियो मैडिरा शामिल हैं।
एक अन्य सदस्य ने पुष्टि की कि एआईएफएफ ने समिति के सदस्यों को बताया था कि आखिरी तीन या चार सदस्यों में किसी एक का चयन करने के लिए एक अंतिम बैठक होगी। उन्होंने कहा, ‘पिछली बैठक में हमसे कहा गया था कि अभी अंतिम बैठक होगी और उसमें उन तीन उम्मीद्वारों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी जिन्हें इस पद के लिये आखिरी सूची में रखा गया है। लेकिन यह बैठक अभी तक नहीं हुई।’ एआईएफएफ महासचिव कुशाल दास ने कल कहा था कि डि मातोस एआईएफएफ की पहली पसंद हैं और वह अगले सप्ताह भारत आकर खेल सचिव और एआईएफएफ अध्यक्ष से मिलेंगे।
