राष्ट्रमंडल खेलों के पूर्व स्वर्ण पदकधारी मनोज कुमार (64 किग्रा) ने यहां एआईबीए विश्व ओलंपिक क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट में पहले राउंड में चुनौतीपूर्ण दर्ज की जबकि दो अन्य भारतीय मुक्केबाज पहले दौर में हारकर बाहर हो गए। मनोज ने लाइट वेल्टरवेट (64 किग्रा) में पुअर्तो रिको के डेनिलिटो जोरिला डि ला रोजा को पहले दौर में 2-1 से शिकस्त देकर दूसरे राउंड में प्रवेश किया जहां उनकी भिड़ंत रविवार को मिस्र के दूसरे वरीय मोहम्मद एस्लम अहमद अली से होगी।
राष्ट्रीय कोच गुरबक्श सिंह संधू ने कहा, ‘मनोज का यह शानदार प्रदर्शन रहा। डेनिलिटो खतरनाक रूप से हेडबट मार रहा था, उसे चेतावनी दी गयी थी लेकिन मनोज ने संयम बनाये रखा। मनोज ने लंबी रेंज से लड़ने की रणनीति बनायी जो कारगर रही।’ हालांकि गौरव बिधुड़ी (52 किग्रा) शुरुआती बाउट में अमेरिका के एंटोनियो वारगास से हारकर रियो का टिकट कटाने की दौड़ से बाहर गये। हालांकि उनके पास ओलंपिक क्वालीफिकेशन का मौका अब भी है, वह अगले महीने वेनेजुएला में पेशेवर मुक्केबाजों के लिये होने वाले अंतिम क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में भाग लेंगे। बिधुड़ी ने लगातार दो सत्र में विश्व सीरीज ऑफ मुक्केबाजी में भाग लिया है, जिससे वह क्वालीफायर के लिए योग्य होंगे जिसमें देश के पेशेवर मुक्केबाज भाग लेंगे।
राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदकधारी मंदीप जांगड़ा :69 किग्रा: भी चुनौतीपूर्ण बाउट में स्पेन के याउबा सिसाखो एडियाये से 1.0 से हार गए। संधू ने कहा, ‘दोनों ने काफी चुनौतीपूर्ण बाउट लड़ी लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि वे इच्छा के अनुरूप परिणाम नहीं हासिल कर सके।’ एशियाई खेलों के स्वर्ण पदकधारी विकास कृष्ण (75 किग्रा) और राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदकधारी एल देवेंद्रो सिंह :49: को ही टूर्नामेंट के ड्रा में वरीयता दी गई है।
देवेंद्रो को चौथी वरीयता मिली है जबकि विकास दूसरे वरीय हैं। दोनों को अपने वर्ग में पहले राउंड में बाई मिली है। ये दोनों 20 जून को अपने अभियान की शुरुआत करेंगे जिसके लिये प्रतिद्वंद्वियों की घोषणा अभी नहीं हुई है। इस टूर्नामेंट के जरिए 39 क्वालीफाइंग स्थान हासिल किए जा सकेंगे। भारत ने 56 किग्रा वर्ग में कोई मुक्केबाज नहीं भेजा है क्योंकि शिव थापा पहले ही मार्च में एशियाई क्वालीफायर के दौरान रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं।