मैराथन खिलाड़ी ओपी जैशा को रियो ओलंपिक में रेस के दौरान पानी भी उपलब्ध न कराने के मुद्दे पर भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन (एएफआई) ने सफाई दी है। फेडरेशन का कहना है कि जैशा और उनके कोच ने रेस के दौरान पानी लेने से इनकार कर दिया था। इस पर जैशा ने पलटवार करते हुए कहा कि वह झूठ नहीं बोल रही हैं। रेस के दौरान लगे कैमरे उनकी बात साबित कर सकते हैं। पानी तो तब मिलता ना जब भारतीय डेस्क पर कोई व्यक्ति मौजूद होता। गौरतलब है कि सोमवार को यह मामला सामने आया था कि महिला मैराथन के दौरान भारतीय खिलाड़ी ओपी जैशा और कविता को रेस के दौरान पानी भी नहीं मिला था। इसके चलते रेस पूरी होने पर जैशा गिर पड़ी थीं।
जैशा ने कहा कि फेडरेशन के अधिकारियों को सच्चाई कैसे पता जब वे वहां पर थे ही नहीं। वहां पर हर जगह कैमरे लगे थे, उन्हें कैमरे देखने चाहिए। इसके बाद उन्हें जवाब मिल जाएगा। उन्होंने कहा, ”मैं इतना बड़ा झूठ क्यों कहूंगी जबकि मैंने अपने कॅरियर में कभी शिकायत नहीं की? मैं सरकार या फेडरेशन के खिलाफ नहीं लड़ सकती और न ही जीत सकती हूं। लेकिन भगवान और मुझे सच पता है। जांच की जरूरत है।”
इससे पहले एएफआई की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सभी टीमों को अपना खुद का पानी रखने की इजाजत होती है। जैशा और राउत ने रेस से पहले ही पानी रखने से इनकार कर दिया। उन्होंने टीम मैनेजर से कहा कि उन्हें अलग से पानी की जरूरत नहीं है और यदि जरूरत पड़ी तो आयोजकों की ओर से लगाए जाने वाले बूथ से पानी ले लेंगी। पिछले साल बीजिंग में वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी जैशा ने पानी नहीं लिया था। उनके कोच का कहना था कि जैशा को अलग से पानी लेने की आदत नहीं है। ऐसे में समझ नहीं आता कि उन्होंने मीडिया को गलत बात क्यों बताई।
There needs to be an inquiry: OP Jaisha on AFI statement saying she refused to avail energy drinks during marathon pic.twitter.com/fQX0QRUoB5
— ANI (@ANI_news) August 23, 2016
I cant fight against the Govt or AFI & win maybe, but God & & I know the truth, and I owe that to sports: OP Jaisha on AFI statement
— ANI (@ANI_news) August 23, 2016
Why would I say such a huge lie, when I have never complained even once in my entire sports career?: OP Jaisha pic.twitter.com/7nD2bjTlWq
— ANI (@ANI_news) August 23, 2016
गौरतलब है कि जैशा ने रियो ओलंपिक में मैराथन में हिस्सा लिया था और वह 89वें नंबर पर रहीं थीं। मैराथन में 42 किलोमीटर से ज्यादा की दौड़ होती है। रेस पूरी करने के बाद जैशा गिर गई थीं और उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। जैशा ने बताया था कि उन्हें दो-तीन घंटे बाद होश आया था। इस दौरान उनके कोच निकोलाई स्नेसारेव की डॉक्टर्स से झड़प भी हो गई थी। कोच को आधे दिन के लिए पुलिस हिरासत में रखा गया था।