अमेरिका और स्विट्जरलैंड द्वारा विश्व फुटबॉल से जुड़े भ्रष्टाचार की जांच जारी रहने के बीच, सेप ब्लाटर को पांचवीं बार फीफा का अध्यक्ष चुना गया।

फीफा के 209 सदस्य महासंघों ने 79 वर्षीय ब्लाटर को चार और वर्ष के लिए अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी। जार्डन के प्रिंस अली बिन अल हुसैन ने पहले दौर में 73-133 से मात खाने के बाद हार स्वीकार की। फीफा के 111 साल के इतिहास में सबसे बड़े प्रकरण के बावजूद फीफा की छवि सुधारने के प्रिंस अली के वादे को सदस्यों ने नकार दिया।

यह चुनाव ऐसे समय हुआ जब अमेरिका और स्विस की संघीय जांच ब्लाटर के ‘‘फुटबॉल परिवार’’ के इर्दगिर्द घूम रही है। मतगणना के दौरान भी फीफा के दो उपाध्यक्ष और हाल में निर्वाचित फीफा कार्यकारी समिति के सदस्य हिरासत में मौजूद हैं।

फिर भी फुटबॉल के नेताओं ने संघर्षरत अध्यक्ष के 17 वर्ष के कार्यकाल में भरोसा जताया। हालांकि प्रिंस अली आश्चर्यजनक रूप से 73 मत पाकर चुनाव दूसरे दौर तक ले गये। दूसरा दौर शुरू होने से पहले ही प्रिंस अली ने कांग्रेस के साथ खड़े होकर हार स्वीकार की।

ब्लाटर ने मतदान से पहले मतदाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उनके और फीफा के लिए हर किसी पर ‘‘नजर रखना’’ और विश्व फुटबॉल में होने वाली हर घटना के लिए जिम्मेदार होना ‘‘असंभव’’ है।

स्विट्जरलैंड की पुलिस 2018 के विश्व कप की मेजबानी रूस को और 2022 के टूर्नामेंट का अधिकार कतर को दिए जाने की भी जांच कर रही है। इन दोनों टूर्नामेंटों क अधिकार दिए जाने में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।

इससे पूर्व मतदान से पहले ब्लाटर ने पुन: चयन होने पर फीफा को भ्रष्टाचार के विवाद से बाहर निकालने की दिशा में काम करने की बात कही। ब्लाटर ने कांग्रेस से कहा, ‘‘इस सब के लिए मैं जिम्मेदार हूं। हां, मैं इस जिम्मेदारी को स्वीकार करता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं मजबूत फीफा का वादा करता हूं, मैं फीफा की स्थिति में सुधार करना चाहता हूं। मैं खूबसूरत, मजबूत फीफा चाहता हूं और उसे मुश्किल से निकालना चाहता हूं।’’

दूसरी तरफ प्रिंस अली ने पूरी दुनिया का दौरा करते हुए वादा किया था कि अगर वह जीते तो सुधार और पारदर्शिता के अलावा संस्था का सम्मान दोबारा कायम करेंगे।

यूरोप के 53 में से अधिकांश वोट प्रिंस अली के पक्ष में गए जबकि उन्हें अमेरिका और एशिया का समर्थन भी मिला। लेकिन ब्लाटर ने अफ्रीका और एशिया में मजबूत समर्थन हासिल करते हुए एक और कार्यकाल के लिए अध्यक्ष पद अपने नाम किया।

बुधवार को फीफा के ज्यूरिख होटल से गिरफ्तारी और फीफा मुख्यालय पर स्विस पुलिस के छापे के बाद ब्लाटर ने अंतिम कुछ दिन और घंटे अपने समर्थकों को यह आश्वस्त करते हुए बिताए कि वह अब भी फीफा को चलाने में सक्षम हैं।

ब्लाटर ने इसके अलावा चुनाव के समय से पहले गिरफ्तारियों पर सवाल भी उठाए। उन्होंने कहा, ‘‘लोग कहते हैं कि यह सिर्फ संयोग है लेकिन मेरा नजर में सवालिया निशान है।’’

ब्लाटर ने कहा कि सात लोगों की गिरफ्तारी ने ‘तूफान’ ला दिया है और कांग्रेस को ‘अहम फैसले’ करने होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं टीम भावना, एकजुटता की अपील करता हूं जिससे कि हम एक साथ आगे बढ़ सकें। शायद यह आसान नहीं हो लेकिन आज हम यहां इसके लिए ही एकत्रित हुए हैं।’’

ब्लाटर ने अपना बचाव करते हुए वह कहा कि वह अकेले पूरे फुटबाल की ‘निगरानी’ नहीं कर सकते और घोटालों के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने क्षेत्रीय महासंघों और राष्ट्रीय संघों से बड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, ‘‘दोषी वे व्यक्गित अधिकारी हैं, पूरा संगठन नहीं।’’