पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ियों का आधा सफर पूरा हो चुका है। भारत में अब तक तीन मेडल जीते हैं। कई खिलाड़ियों के पास मेडल जीतने का मौका था लेकिन वह काफी करीब आकर चूक गए। कई बड़े नाम भी मेडल के दौड़ से बाहर हो चुके हैं। जो खिलाड़ी अब प्रतियोगिता में कायम है वह भी अपने नॉकआउट राउंड में पहुंच चुके हैं।

यानी अब हार जीत के साथ या तो भारत मेडल के करीब पहुंचेगा या फिर उसकी मेडल की उम्मीद टूट जाएगी। रविवार का दिन भारत के लिए सुपर संडे बनता है यह सैड संडे यह देखना होगा। चार अगस्त को भारत की मेडल के तीन बड़े दावेदार नॉकआउट चरण के मुकाबले खेलने उतरेंगे।

क्वार्टर फाइनल में उतरेंगी लवलीना

भारत ने टोक्यो ओलंपिक में सात मेडल जीते थे उसमें से एक भारतीय बॉक्सर लवलिना बोरगोहेन भी शामिल थीं। उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। रविवार को वह एक्शन में नजर आएंगी। वह अपने ऐतिहासिक दूसरे ओलंपिक मेडल से केवल एक जीत दूर हैं। वह अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबला खेलने उतरेंगी। इस मैच में उनके सामने इस वेट कैटेगरी में टॉप स्पीड होंगी। लवलीना के लिए यह मैच आसान नहीं होने वाला है हालांकि अगर वह सेमीफाइनल में पहुंचती हैं तो वह दो मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों के क्लब में शामिल हो जाएंगी।

भारतीय हॉकी टीम खेलेगी पहला नॉकआउट मैच

भारतीय हॉकी टीम भी पहला नॉकआउट मैच खेलने उतरेगी। ग्रुप राउंड में दूसरे स्थान पर रहकर क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली हॉकी टीम के लिए यह जीत काफी अहम है। टीम का सामना ग्रेट ब्रिटेन से होगा। भारत उसी को हराकर टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल पहुंचा था। भारतीय खिलाड़ियों ने ग्रुप राउंड में बेहतरीन खेल दिखाया था। वह बेल्जियम के खिलाफ मुकाबले हारे लेकिन उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3-2 से ऐतिहासिक जीत हासिल की। वहीं उन्होंने न्यूजीलैंड और आयरलैंड को मार दी और अर्जेंटीना के खिलाफ मैच एक-एक से ड्रॉ कराया।

लक्ष्य सेन मेडल से एक जीत दूर

रविवार को बैडमिंटन में भारत की इकलौती उम्मीद बच्चे लक्ष्य सेन भी एक्शन में नजर आएंगे। ग्रुप राउंड और क्वार्टर फाइनल में कड़े मुकाबलों में जीत हासिल करके लक्ष्य सेन सेमीफाइनल मैच में उतरें हैं। सेमीफाइनल में उनका सामना डेनमार्क के विक्टर एक्सक्लेसन से होगा। विक्टर को इस इवेंट में गोल्ड का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है हालांकि लक्ष्य सेन शानदार फार्म में है। लक्ष्य ने जोनाथन क्रिस्टी और चेन टेन को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई है। वह ऐसा करने वाले देश के पहले पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। अगर वह जीत जाते हैं तो भारत का काम से कम सिल्वर मेडल पक्का हो जाएगा। अगर वह मैच हारते हैं तभी उनके पास ब्रॉन्ज मेडल जीतने का मौका होगा।