ओलंपिक चैंपियन (Olympic Champion) और विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने गुरुवार से बर्मिंघम में शुरू होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से नाम वापस ले लिया है। राष्ट्रमंडल खेलों की शुरुआत 28 जुलाई से बर्मिंघम में होनी है।
शनिवार 23 जुलाई 2022 को अमेरिका के यूजीन में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप (World Athletics Championships) में पुरुषों के जैवलिन थ्रो के फाइनल के दौरान 2018 गोल्डकोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स के चैंपियन नीरज चोपड़ा के कमर में चोट लग गई थी।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के महासचिव राजीव मेहता के अनुसार, अगले दिन उनका एमआरआई स्कैन कराया गया। बाद में डॉक्टरों ने उन्हें एक महीने तक आराम करने की सलाह दी। राजीव मेहता ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने आज सुबह सूचित किया कि नीरज चोपड़ा 100 फीसदी फिट नहीं हैं। उन्हें ग्रोइन इंजरी हुई है। स्कैन के बाद उन्हें एक महीने तक आराम करने की सलाह दी गई है। नतीजतन, वह राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा नहीं लेंगे।’
नीरज चोपड़ा का राष्ट्रमंडल खेलों से बाहर होना भारत के लिए बुरी खबर है। वह राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games) में स्वर्ण पदक के दावेदार थे। 24 वर्षीय एथलीट को गुरुवार 28 जुलाई 2022 को होने वाले उद्घाटन समारोह में भारत का ध्वजवाहक बनना था। राजीव मेहता ने बताया कि नए ध्वजवाहक पर फैसला आईओए के अन्य पदाधिकारियों की परामर्श से जल्द ही लिया जाएगा।
नीरज चोपड़ा ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल के बाद कहा था, ‘जब उनका शरीर थोड़ा रिलैक्स होगा तब वह अपनी चोट की गंभीरता का अनुमान लगा पाएंगे। उन्होंने संकेत दिया था कि वह कोई जोखिम नहीं लेंगे। तीन साल पहले कोहनी की चोट से जूझने के बाद वह इस बात को लेकर सतर्क रहे हैं।’
कोहनी की चोट के कारण नीरज चोपड़ा लंबे समय तक एक्शन से दूर रह चुके हैं। वह एक साल के लिए एक्शन से बाहर थे। अब एक और चोट का जोखिम नहीं उठा सकते। सर्जरी के बाद से नीरज चोपड़ा ने शरीर को दर्द देना बंद कर दिया है। अगर उन्हें जरा भी खिंचाव महसूस हुआ या कोई असुविधा होती है तो वह खुद को रोक लेते हैं।
नीरज के फिजियो इशान मारवाह ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, शुरुआत में वह दर्द के साथ प्रैक्टिस में जुटा रहता था। अब वह परिपक्व हो गया है। वह जानता है कि जब वह ठीक से सोया नहीं है तो प्रशिक्षण लेना ठीक नहीं है। वह जानता है कि पूरी तरह से ठीक हुए बिना सुबह का सत्र करने का कोई मतलब नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘वह हमें बताएगा कि क्या वह कंधे या कूल्हे के आसपास जकड़न महसूस कर रहा है। अगर कोच कहता है कि आपको 90 किलो स्क्वाट या 90 किलो स्नैच करना है और अगर उसे लगता है कि वह ऐसा करने में सक्षम नहीं है तो वह अपनी प्रतिक्रिया देगा। वह जानता है कि चोट को कैसे रोका जाए।’