पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने के बाद भारतीय स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा महज 15 दिन के अंदर ही फिर से एक्शन में नजर आए। नीरज ने लुसाने डायमंड लीग में हिस्सा लिया। इस लीग मीट में नीरज एकदम बदले हुए अंदाज में नजर आए। नीरज यहां दूसरे स्थान पर रहे लेकिन अपने थ्रो से काफी कुछ साबित कर दिया।

लुसाने में नीरज का कोई थ्रो नहीं था फाउल

नीरज चोपड़ा के पेरिस ओलंपिक में छह में से पांच थ्रो फाउल रहे थे। उन्होंने दूसरे थ्रो में 89.45 की दूरी तय की थी और इसी ने उन्हें सिल्वर मेडल जिताया। हालांकि पेरिस में नीरज का एक भी थ्रो फाउल नहीं रहा। उनके सभी थ्रो पर रेफरी ने सफेद झंडा उठाकर उसे वैध करार दिया। नीरज के सारे थ्रो 80 के ऊपर के थे।

नीरज ने हासिल की धीमी शुरुआत

नीरज का प्रदर्शन भी यहां हमेशा से अलग रहा। नीरज तूफानी शुरुआत के लिए जाने जाते हैं। वह आमतौर पर अपने शुरुआती थ्रो के साथ ही लीड हासिल कर लेते हैं। हालांकि लुसाने में ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने धीमी शुरुआत की और आखिरी थ्रो में जाकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। शुरुआत में वह चौथे और तीसरे स्थान के बीच जूझते रहे लेकिन आखिर में दूसरा नंबर हासिल किया।

लुसाने में नीरज के थ्रो इस तरह रहे

पहला थ्रो – 82.10 मीटर
दूसरा थ्रो – 83.21 मीटर
तीसरा थ्रो – 83.13 मीटर
चौथा थ्रो – 82.34 मीटर
पांचवां थ्रो – 85.58 मीटर
छठा थ्रो – 89.49 मीटर

नीरज ने कहा शरीर नहीं दे रहा था साथ

नीरज ने अपने प्रदर्शन के बारे में बात करते हुए कहा, ‘शुरुआत में काफी मुश्किल हो रही थी। मेरा शरीर मेरा साथ नहीं दे रहा था। हालांकि मैंने आखिरी दो थ्रो में पूरी जान लगाई। आखिरी थ्रो से पहले एंडरसन पीटर्स ने 90 मीटर मारा। मैं भी कोशिश कर रहा था लेकिन शरीर ने मेरा साथ नहीं दिया।’