1972 के म्यूनिख ओलंपिक्स में जिम्नास्टिक्स में पदक जीतने वाली ओल्गा कोरबुट ने तंगहाली के चलते अपने मैडल बेच दिए। ओल्गा काफी तंगी का सामना कर रही हैं और उनके पास खाने के पैसे नहीं थे। रॉयटर्स की खबर के अनुसार, मेडल्स ने कोरबुट को भूख से बचा लिया। सोवियत संघ की खिलाड़ी रही ओल्गा ने म्यूनिख ओलंपिक में दो गोल्ड और एक सिल्वर मैडल जीता था। उनके कुल 32 मैडल नीलामी में बेचे गए जिनसे 2.22 करोड़ रुपये की कमाई हुई। नीलामी 25 फरवरी को अमेरिका में हुई। नीलामी में उन्होंने 1972 का बीबीसी स्पोर्ट्स पर्सनेलिटी ऑफ द ईयर अवार्ड भी बेच दिया।
मूलत: बेलारूस की ओल्गा खुद भी अब अमेरिका के अरिजोना में रहती हैं। वह 1991 में अमेरिका शिफ्ट हो गई थी। हेरिटेज ऑक्शन हाउस के प्रवक्ता क्रिस आईवी ने बताया कि सबसे महंगा उनका टीम गोल्ड मैडल बिका। इसे 66 हजार अमेरिकी डॉलर में खरीदा गया। 17 साल की उम्र में ओल्गा ने म्यूनिख ओलंपिक के जरिए पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ी थी। उन्होंने अपनी टीम को बैलेंस बीम और फ्लोर एक्सरसाइज में गोल्ड दिलाया था। साथ ही अनइवन बार्स कंपीटिशन में उन्होंने सिल्वर जीता था। चार साल बाद ओल्गा ने मॉन्ट्रियल ओलंपिक में एक गोल्ड और एक सिल्वर जीता था।
उन्होंने कोरबुट फ्लिप की शानदार ट्रिक अपनाकर मेडल जीता था। हालांकि अब इस ट्रिक को प्रतिबंधित कर दिया गया है क्योंकि यह काफी खतरनाक है। कोरबुट ने 1978 में सोवियत संघ के मशहूर फॉक सिंगर लियोनिड बोर्टकेविच से शादी की थी। 1991 में सोवियत संघ के पतन के साथ ही ये दोनों अमेरिका आ गए थे। ओल्गा का एक बेटा भी है जिसका नाम रिचर्ड है।
