भारतीय टीम ने अपना पहला पिंक बॉल टेस्ट नवंबर 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ खेला था। यह मैच कोलकाता के ईडन गार्डंस मैदान पर खेला गया था। भारत ने उस मैच को बड़ी आसानी से एक पारी और 46 रन से जीत लिया था। कप्तान विराट कोहली ने 136 रनों की पारी खेली थी। वहीं इशांत शर्मा ने 9 विकेट चटकाए थे। उस मैच को लेकर तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने एक वीडियो चैट में कुछ किस्सों का खुलासा किया था। शमी ने बताया था कि बांग्लादेशी बल्लेबाज उनके बाउंसर से किस कदर खौफ खा रहे थे। यहां तक कि बांग्लादेश के कुछ प्लेयर्स ने तो उनसे बाउंसर नहीं डालने की अपील भी की थी।
शमी ने भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी से वीडियो चैट में ये बातें बताईं थीं। उन्होंने शमी से पिंक गेंद को लेकर सवाल किया था। इस पर शमी ने कहा, ‘मुझे तो समझ ही नहीं आया ये पिंक बॉल क्या चीज है।’ इसी बीच में तिवारी ने उन्हें याद दिलाई कि कैसे एक लोकल टूर्नामेंट में खिलाड़ी शमी की गेंदबाजी से डरकर निचले क्रम में बल्लेबाजी करने गए थे। इस पर मोहम्मद शमी ने कहा, ‘उस फाइनल में कूकाबूरा और बांग्लादेश के खिलाफ एसजी की पिंक बॉल का इस्तेमाल किया गया था।’ शमी आगे बताते हैं, ‘एसजी का बॉल बहुत हार्ड था। पहले डे-नाइट मैच में समझ नहीं आ रहा था। कब सीम और स्विंग और कितना होगा। नई गेंद से इशांत और उमेश यादव ने शुरुआत की थी।’
शमी ने बताया, ‘मुझे लगा जब में आऊंगा तब तक गेंद पुराना हो जाएगा। मैंने सोचा आज कुछ अलग करता हूं, विकेट में जान भी है। हमेशा आगे से विकेट लेते हैं, आज पीछे करके देखते हैं। मैंने छोटी गेंद की। वह बल्लेबाज के लग गई। मुझे भी थोड़ा डर लगा, लेकिन जब आप देश के लिए खेलते हैं और ऐसी स्थिति हो तब ऐसा नहीं सोचते, क्योंकि यह खेल का हिस्सा है। हम बस यह सोचते हैं, आउट करना है। दुर्भाग्य से लग जाए अलग बात है। कई बार अंत में हम भी बल्लेबाजी करने जाते हैं तो हमें भी बाउंसर्स झेलनी पड़ती हैं।’
इसके बाद तिवारी ने पूछा, ‘क्या यह सब सबक सिखाने के लिए प्लान था?’ शमी ने कहा, ‘ऐसा कह सकते हैं, क्योंकि अगर वे लोग जीत जाते तो कुछ ज्यादा रियक्ट करते। इसके बाद मैंने छोटी बॉल की और बल्लेबाज बचने लगे। फिर तो मैंने पूरी इनिंग छोटी गेंद ही की।’ अगले दिन अभ्यास के समय बॉलिंग कोच भरत अरुण ने कहा, ‘शमी आज और छोटी गेंद करना। मैंने कहा ठीक है।’
शमी ने बताया, ‘आखिरी दिन इशांत और उमेश गेंदबाजी कर रहे थे। फिर मैं गेंदबाजी करने आया। मैंने बांग्लादेशी बल्लेबाज से बंगाली में कहा, ‘क्या इरादा है। वह बोला, भाई इनको (इशांत और उमेश) बाउंसर डालने दो आप मत करना। मैंने कहा देखो इन पर (बाउंसर) रन मारोगे तो पिटोगे। इसके बाद वह पहले ही आउट होकर चले गए। इस पर मनोज तिवारी ने कहा, आपने ऐसे घाव दिए हैं, अगली बार कभी भी सामने आएंगे तो यह मैच याद आएगा उन्हें।’


