भारत की स्टार महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू पिछले कुछ सालों में मानसिक और शारीरिक तनाव से काफी जूझती नजर आई थीं। पेरिस ओलंपिक और उससे पहले एशियन गेम्स 2023 में चौथे स्थान पर रहते हुए निराशा उनके हाथ लगी थी। टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने के बाद से उन्हें किसी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पोडियम फिनिश का इंतजार था। अब आखिरकार नॉर्वे के फोर्डे में जारी विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीत लिया है। यह इस प्रतियोगिता के इतिहास में उनका तीसरा मेडल है। वह कुंजारानी देवी (7) और कर्णम मल्लेश्वरी (4) के बाद दो से ज्यादा विश्व चैंपियनशिप मेडल जीतने वाली तीसरी भारतीय भारोत्तोलक बन गई हैं।
चीन की भारोत्तोलक से हुए कांटे की टक्कर
48 किलोग्राम वर्ग में मीराबाई चानू ने स्नैच में 84 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 115 किलोग्राम समेत कुल 199 किलोग्राम का भार उठाते हुए दूसरे स्थान पर कब्जा किया। वह उत्तर कोरिया कि रि सोंग गुम से पीछे रहे गईं और गोल्ड मेडल जीतने से चूकीं। रि सोंग ने कुल 213 किलोग्राम का भार उठाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। जबकि चीन की थान्याथन ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। स्नैच राउंड के बाद चीन की वेटलिफ्टर मीराबाई चानू से 4 किलोग्राम आगे चल रही थीं। मगर क्लीन एंड जर्क में मीराबाई ने कमाल किया और 1 किलोग्राम की कुल लीड से सिल्वर मेडल भारत की झोली में डाल दिया।
आपको बता दें कि आखिरी बार टोक्यो ओलंपिक में मीराबाई चानू ने 115 किलोग्राम का भार क्लीन एंड जर्क में उठाया था। वहां भी उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। उसके बाद पिछले चार सालों में वह लगातार चोट और सर्जरी वगैरह से गुजरी हैं। हालांकि, 2022 विश्व चैंपियनशिप में भी उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था। विश्व चैंपियनशिप के मंच पर रजत पदक जीतने के बाद वह प्लेटफॉर्म से सीधा अपने कोच विजय शर्मा के पास गईं और उनका धन्यवाद अदा किया। पेरिस ओलंपिक के बाद यह पहला मौका ही था जब मीराबाई चानू ने किसी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था।
इससे पहले मीराबाई चानू ने अगस्त में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में भी हिस्सा लिया था। उन्होंने अहमदाबाद में आयोजित हुई इस प्रतियोगिता में सिर्फ 193 किलोग्राम (84 किलोग्राम स्नैच और 109 किलोग्राम क्लीन एंड जर्क) वजन उठाकर ही स्वर्ण पदक जीत लिया था। मगर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के लिहाज से यह भार काफी कम था। लेकिन अब 31 वर्षीय मीराबाई चानू ने वापसी करते हुए अपना टोक्यो ओलंपिक वाला प्रदर्शन दोहराया और भारत के लिए एक और इंटरनेशनल मेडल जीता।