भारतीय महिला ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा के शनिवार को लॉर्ड्स में नॉन-स्ट्राइकर एंड पर क्रीज से बाहर जाने पर इंग्लैंड की चार्लोट डीन को रन आउट करने (मांकडिंग) पर बहस छीड़ी हुई है। इस बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए नियम बनाने वाली क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था मैरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) का बयान सामने आया है। उसने टीम इंडिया का समर्थन किया और खेल के नियमों में लाए गए परिवर्तनों को याद दिलाया। नॉन स्ट्राइकर्स को नसीहत भी दी।

एमसीसी ने रविवार को जारी एक बयान में कहा, “एमसीसी ने इस साल क्रिकेट के नियमों में बदलाव है और नॉन स्ट्राइकर के क्रीज से बाहर निकलने पर रन आउट करने को अनफेयर प्ले यानी कानून 41 से बाहर कर दिया गया है। इसे कानून 38 यानी रन आउट की श्रेणी में डाल दिया है। यह परिवर्तन औपचारिक रूप से 1 अक्टूबर 2022 से लागू होगा।”

सभी स्तरों पर इसका पालन होना चाहिए

एमसीसी ने यह भी कहा, ” यह इस मामले को स्पष्ट करने और बल्लेबाजों को यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि वे गेंदबाज के गेंद डालने से पहले नॉन-स्ट्राइकर छोर पर क्रीज न छोड़ें। नियम स्पष्ट हैं, जिससे इसकी सभी अंपायरों के लिए खेल के सभी स्तरों और खेल के सभी क्षणों में आसानी से व्याख्या की जा सके। क्रिकेट की भावना के संरक्षक के रूप में एमसीसी इसकी सराहना करता है कि दुनिया भर में इसकी अलग-अलग व्याख्या की जाती है।”

नॉन स्ट्राइकर को दिया नसीहत

एमसीसी ने अंत में कहा, ” सम्मानजनक बहस स्वस्थ होती है और यह जारी रहनी चाहिए। जहां एक व्यक्ति ऐसे मामलों में गेंदबाज को खेल भावना के खिलाफ जाते हुए देखता है, वहीं दूसरा नॉन स्ट्राइकर को क्रीज जल्दी छोड़कर अनुचित लाभ लेने की बात करता है। नॉन स्ट्राइकर्स को एमसीसी का संदेश है उन्हें क्रीज में तब तक बने रहना है जब तक कि वे गेंद गेंदबाज के हाथ से निकलते हुए नहीं देख लेते। ताकि जिस तरह कल विकेट गिरा वैसे न गिरे। कल एक रोमांचक मैच का एक असामान्य अंत हुआ। इसमें अधिकारियों ने उचित भूमिका निभाई और इसे और कुछ नहीं माना जाना चाहिए।”