पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की 22 साल की महिला शूटर मनु भाकर कमाल कर रही हैं और उन्होंने शूटिंग के दो इवेंट में भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। मनु भाकर की इस सफलता के पीछे उनकी मेहनत तो है ही, लेकिन इसके पीछे उनके कोच और पूर्व भारतीय शूटर जसपाल राणा की मेहनत भी कम नहीं है। जसपाल राणा अनी शिष्या की उपलब्धि से काफी खुश हैं, लेकिन एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपने कुछ दर्द को भी बयां किया जिसके बारे में जानकर हैरानी होती है।

नौकरी की तलाश में हैं जसपाल राणा

जसपाल राणा ने रेवस्पोर्ट्ज के साथ एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि टोक्यो ओलंपिक में जब मनि भाकर को कोई मेडल नहीं मिला तब मुझे गालियां तक दी गई जबकि मैं वहां मौजूद नहीं था, लेकिन इस बार मनु के मेडल जीतने के बाद स्थिति बदल चुकी है।

उन्होंने कहा कि मैं कोई भी नहीं हूं, लेकिन मनु चाहती थीं कि मैं उनकी मदद करूं और मैंने ऐसा ही किया और उन्होंने कमाल कर दिया। मैं सबको ये बताना चाहता हूं कि मुझे नेशनल राइफल एसोसिएशन या फिर किसी अन्य एजेंसी से पिछले तीन साल से कोई मंथली सैलरी नहीं मिली है। मैं पैसे कमाने के लिए नौकरी की तलाश में हूं।

मैंने कभी कुछ गलत नहीं किया

उन्होंने आगे कहा कि मैं मनु से ज्यादा खुश हूं कि उन्होंने भारत के लिए मेडल जीता। उनमें काफी पोटेंशियल है और मैंने सिर्फ उसके सही राह दिखाई। मैं भारत के लिए फिर से एक फ्रेश शुरुआत करना चाहता हूं। मनु एक स्टार हैं और मैं जॉबलेस कोच हूं। मैं नौकरी की तलाश में हूं और पिछले तीन साल मेरे लिए काफी टफ रहे हैं। मैं इस बारे में बात नहीं करना चाहता था, लेकिन क्या कोई मुझे नौकरी देगा क्योंकि मैं भारत के लिए कुछ करना चाहता हूं।

उन्होंने कहा, मैंने कभी कुछ गलत नहीं किया और मैं टोक्यो ओलंपिक में मौजूद नहीं था। उन लोगों ने जिन्होंने मुझे गाली दी और मुझे ट्रोल किया क्या वो मेरी शांति मुझे वापस कर सकते हैं, शायद कभी नहीं। मुझे नहीं पता मेरी लाइफ में क्या होने वाला है, लेकिन मैं भारत के लिए वापसी करने का इंतजार करूंगा। मैं मनु के साथ रहूंगा, लेकिन मुझे नौकरी की जरूरत है क्योंकि पिछले तीन साल से मैं खाली हूं जो मुझे तकलीफ देता है।