क्रिकेट भद्रजनों का खेल (जेंटलमैन गेम) कहा जाता है। हालांकि, कई ऐसे मौके आए हैं, जब टीमों और खिलाड़ियों ने अपनी सीमाएं लांघ दीं। ऐसा ही एक वाकया 1994 में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गए टेस्ट मैच के दौरान हुआ था। ऑस्ट्रेलियाई टीम करीब 24 साल बाद दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर गई थी। उस मैच में दोनों टीमों के बीच इतना विवाद बढ़ गया था कि मेजबान टीम के एक ऑलराउंडर ने कंगारू टीम के तत्कालीन कप्तान एलन बॉर्डर पर एके 47 (AK-47) मशीनगन तान दी थी। यह बात शेन वार्न ने एक इंटरव्यू में बताई थी।

इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने 1970 में दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया था। वह 4 टेस्ट मैच की सीरीज खेली गई थी और अली बाकर की कप्तानी वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम ने बिल लॉरी की अगुआई वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को 4-0 से हराया था। शायद यही वजह थी कि 1994 में एलन बॉर्डर की अगुआई में दक्षिण अफ्रीका गई ऑस्ट्रेलियाई टीम के दिमाग में बदला लेने की बात थी। साल 1987 में एलन बॉर्डर की ही अगुआई में ऑस्ट्रेलिया पहली बार वर्ल्ड चैंपियन भी बना था। दक्षिण अफ्रीका के लिए भी यह सीरीज प्रतिष्ठा का प्रश्न थी। दरअसल, दक्षिण अफ्रीका ने 1992 में ही करीब 22 साल बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की थी।

दक्षिण अफ्रीकी टीम 1993-94 में 3 टेस्ट मैच की सीरीज खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया भी गई थी। तब उसने 1-1 से सीरीज ड्रॉ कराई थी। एलन बॉर्डर के लिए यह उनकी आखिरी अंतरराष्ट्रीय सीरीज थी। हालांकि, वह इस सीरीज को कभी याद नहीं रखना चाहेंगे। यह सब देखते हुए दोनों ही ओर माहौल गर्म था।

सीरीज को लेकर दक्षिण अफ्रीका के लोगों में कितनी उत्सुकता थी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब ऑस्ट्रेलियाई टीम का विमान दक्षिण अफ्रीका में लैंड हुआ तो आठ हजार से ज्यादा लोग एयरपोर्ट पर स्वागत के लिए जुटे थे। जोहानिसबर्ग के वांडर्स स्टेडियम में सीरीज का पहला टेस्ट मैच खेला गया। दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया।

दक्षिण अफ्रीका पहली पारी में 251 रन पर ऑलआउट हो गया। ऑस्ट्रेलिया भी पहली पारी में 248 रन ही बना पाया। दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी का खेल जारी था। दो दिन का खेल हो चुका था। दक्षिण अफ्रीका टीम बड़े स्कोर की ओर बढ़ रही थी। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज विकेट को तरस रहे थे। ऐसे में वे दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों के खिलाफ स्लेजिंग करने लगे। एलन बॉर्डर अपने साथियों का बढ़-चढ़कर साथ दे रहे थे।

तीसरे दिन लंच के पहले बॉर्डर ने वार्न को गेंद फेंकने के लिए कहा। वार्न जैसे ही बॉलिंग के लिए आगे बढ़े, उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज को निशाना बनाकर कहा, हमें तुम्हारी जरूरत है वार्नी, ‘शुरू करो, विकेट लो।’ दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज ने लंच के समय यह बात टीम के अन्य साथियों को बताई। यह सुनकर ब्रायन मैकमिलन बहुत गुस्सा हो गए। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को सबक सिखाने की सोची। उन्होंने वहां खड़े एक गार्ड से उसकी एके-47 ली और ऑस्ट्रेलियाई टीम के ड्रेसिंग रूम में पहुंच गए। मैकमिलन ने ड्रेसिंग रूमें घुसते ही कहा, ‘कहां हैं एलन बॉर्डर।’

यह सुनकर बॉर्डर वहां से खिसक लिए। शेन वार्न, डेविड बून, मैथ्यू हेडन, मार्क वॉ को मानो सबको सांप सूंघ गया हो। वे मैकमिलन से अपनी जान की भीख मांगने लगे। हालांकि, बाद में मैकमिलन ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ सिर्फ प्रैंक (मजाक) किया था। उनकी एके-47 (AK-47) अनलोडेड थी। गार्ड ने उसमें से पहले ही बुलेट्स निकाल लिए थे। मैकमिलन का दावा था कि उसके बाद ऑस्ट्रेलिया की ओर से स्लेजिंग बंद हो गई थी। वह मैच दक्षिण अफ्रीका ने 197 रन से जीता था।