दबंग मुंबई के कोच जे स्टैसी ने कहा कि हाकी इंडिया लीग में नियमों में क्रांतिकारी बदलावों पर विश्व संस्था एफआइएच भी करीबी नजर रखेगी। बदले हुए नियमों के अनुसार एक मैदानी गोल को दो गोल के बराबर माना जाएगा। इस पूर्व आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने टीम के अभ्यास सत्र के बाद कहा कि मैं पक्के तौर पर नहीं कह सकता कि इस तरह के नियम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लागू होंगे, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि वे नियमों की समीक्षा करेंगे और एफआइएच बड़ी दिलचस्पी से इस पर नजर रखेगा कि इसका क्या असर पड़ रहा है और कुछ मैचों व लीग के बाद क्या होता है।
उन्होंने कहा कि सभी प्रयोग करने के लायक होते हैं। हम देखेंगे कि इससे खेल कैसे आगे बढ़ता है लेकिन यह अच्छा मौका होना चाहिए। इससे आक्रामक रणनीतियां अपनाने और ज्यादा मैदानी गोल करने पर जोर दिया जाएगा। स्टैसी ने कहा कि यह प्रशंसकों और दर्शकों के लिए बेहतर होगा। यह रोमांच पैदा करेगा, इसके लिए हमें इंतजार करना होगा।
इससे पहले भी कुछ प्रयोगात्मक नियम सबसे पहले हाकी इंडिया लीग में ही लागू किए गए और बाद में एफआइएच ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन्हें अपनाया। इनमें दो हाफ के प्रारूप के बजाय चार क्वार्टर में मैच का आयोजन भी शामिल है। यह ओलंपिक वर्ष है और कहा जा रहा है कि शीर्ष खिलाड़ी चोटों को लेकर थोड़ा चिंतित होंगे लेकिन स्टैसी ने इससे इनकार किया। उन्होंने कहा कि यदि आप चोटों को लेकर चिंतित रहते हो तो आपके चोटिल होने की संभावना ज्यादा रहती है।
वे पेशेवर हैं और जानते हैं कि खुद को कैसे फिट रखना है। वे लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय हाकी खेल रहे हैं और अपने शरीर को शत प्रतिशत फिट रखने के लिए चोटों से उबरने, पोषण, भोजन, तरल पदार्थों की मात्रा जैसी सारी चीजों के बारे में जानते हैं। यह कहना मुश्किल है कि अगस्त में होने वाले रियो ओलंपिक खेलों में किस देश का पलड़ा भारी रहेगा और कौन पदक जीतेगा लेकिन स्टैसी का मानना है कि भारत सहित छह-सात टीमों में पदक जीतने की क्षमता है।
भारत ने हाल में विश्व हाकी लीग में कांस्य पदक जीता था। उन्होंने कहा कि भविष्यवाणी करना मुश्किल है। छह से सात टीमें पदक जीतने का माद्दा रखती हैं। हां भारत की भी संभावना है। बेशक ओलंपिक खेलों में आपको लगातार अपनी सर्वश्रेष्ठ हाकी खेलनी होती है। आप प्रदर्शन में उतार चढ़ाव से आगे नहीं बढ़ सकते।