आपकी प्रतिक्रिया क्या होगी, अगर आप अपनी गर्लफ्रेंड के साथ क्रिकेट मैच देखने स्टेडियम पहुंचे हों और आपको टीम में खेलने का मौका मिल जाए? है न चौकाने वाली बात? लेकिन, ऐसा हो चुका है। दरअसल, आॅस्ट्रेलिया के लिए खेलने वाले क्रिकेट खिलाड़ी ल्यूक पॉमरबैश की अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में एंट्री ऐसे ही हुई थी। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 2007 में खेले गए टी20 मैच में आॅस्ट्रलियाई टीम के लिए खेला था। 11 दिसम्बर 2007 को आॅस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच वाका क्रिकेट ग्राउंड पर हुए टी20 मैच के दौरान दर्शक दिर्घा में बैठे ल्यूक पॉमरबैश को अंतिम एकादश में खेलने का मौका मिल गया। टॉस होने से ठीक पहले ब्रैड हॉज चोटिल हो गए और आॅस्ट्रेलिया को अतिरिक्त खिलाड़ी की तत्काल प्रभाव से जरूरत पड़ गयी।

ल्यूक पॉमरबैश पश्चिमी आॅस्टेलिया के लिए क्रिकेट खेलते थे और अनुशासनहीनता के कारण टीम से सस्पेंड चल रहे थे। वाका उनका होमग्राउंड था और वो न्यूजीलैंड आॅस्ट्रेलिया के बीच टी20 अंतराष्ट्रीय मैच का लुत्फ उठाने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ स्टेडियम गए थे। आॅस्ट्रेलियाई मैनेजमेंट को पता चला कि वो स्टेडियम में मौजूद हैं। टीम मैनेजमेंट ने उन्हें अंतिम एकादश में शामिल करने का फैसला किया। उन्हें टीम के ड्रेसिंग रूम में बुलाया गया। पॉमरबैश को टीम में शामिल किए जाने की खबर अपने एक मित्र से मिली। पहले उन्हें विश्वास नहीं हुआ और उन्होंने इसे मजाक समझते हुए मित्र की बात को हल्के में लिया। जब उन्हें आधिकारिक तौर पर इस बारे में पता चला तो वो भागकर आॅस्ट्रलियाई टीम के ड्रेसिंग रूम पहुंचे। चैनल 9 से इस घटना के बारे में जिक्र करते हुए ल्यूक पॉमरबैश ने बताया, ‘खबर सुनने के बाद मैं इतना खुश था कि अपनी कार पार्क करने के बाद लॉक करना भूल गया और ड्रेसिंग रूम की तरफ दौड़ा चला गया।

ल्यूक ने अपने भाई को फोन करके अपना किट बैग लाने के लिए कहा लेकिन वो देर से पहुंचे और पॉमरबैश ने टीम के अन्य खिलाड़ियों से किट लेकर अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला। उन्हें इससे कुछ दिन पहले ही वेस्टर्न आॅस्ट्रेलियाई टीम से शराब पीने के कारण बाहर कर दिया गया था। उन्होंने टीम से बाहर होने से पहले वेस्टर्न आॅस्ट्रेलिया के लिए पांच मैचों में क्रमश: 0, नाबाद 102 रन, 89, 28 और 176 रन की पारी खेली थी। इस मैच में पॉमरबैश ने 7 गेंदों में 15 रन बनाए। आॅस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को इस मैच में 54 रन के बड़े अंतर से हरा दिया था। यह मैच ल्यूक पॉमरबैश के क्रिकेट करियर का इकलौता अंतराष्ट्रीय मैच था। अनुशासनहीनता के कारण विवादों में रहने वाले इस क्रिकेटर ने शराब और ऐय्याशी में अपना करियर खत्म कर लिया।