मोहम्मद शमी की शॉर्ट पिच गेंद अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे धनुष्का गुणतिलका (16) के बल्ले का किनारा लेकर स्लिप में धवन के सुरक्षित हाथों में पहुंची। इस ओवर की आखिरी गेंद पर उन्होंने कुशाल मेंडिस (शून्य) को भी पहली स्लिप में शिखर के हाथों कैच कराया। इससे श्रीलंका का स्कोर तीन विकेट पर 68 रन हो गया। श्रीलंका को मध्यक्रम में अनुभवी दिनेश चंदीमल की कमी खली जो चोटिल होने के कारण इस मैच में नहीं खेल रहे हैं।
थरंगा पूरे प्रवाह में बल्लेबाजी कर रहे थे और पूर्व मैथ्यूज के साथ चौथे विकेट के लिये 57 रन जोड़े। थरंगा दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से रन आउट होकर पवेलियन लौटे। रन आसान था लेकिन अभिनव मुकुंद ने फुर्ती दिखाकर विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा को तेजी से गेंद थमा दी। थरंगा ने डाइव लगायी। उनका बल्ला क्रीज तक पहुंच गया था लेकिन जब साहा ने गिल्लियां गिरायी तब बल्ला उठ गया और आखिर में इस सलामी बल्लेबाज को पवेलियन लौटना पड़ा। उन्होंने 93 गेंद की अपनी पारी में दस चौके लगाये।
मुकुंद ने इसके बाद नये बल्लेबाज निरोशन डिकवेला (आठ) का अश्विन की गेंद पर एक हाथ से खूबसूरत कैच लिया। स्टंप उखड़ने के समय मैथ्यूज के साथ दिलरूवान परेरा छह रन पर खेल रहे थे। सुबह भारत ने तीन विकेट पर 399 रन से अपनी पारी आगे बढ़ायी और पहले सत्र में 104 रन जोड़े लेकिन इस बीच उसने चार विकेट भी गंवाये। इनमें कल के अविजित बल्लेबाज पुजारा और रहाणे के विकेट भी शामिल हैं।
पुजारा ने दिन के तीसरे ओवर में ही विकेट के पीछे कैच आउट पर डीआरएस लिया जिसमें उन्हें सफलता भी मिली। उन्होंने 257 गेंदों पर 150 रन पूरे किये और फिर विदेशी सरजमीं पर अपने सर्वोच्च स्कोर की बराबरी की। इससे पहले 2013 में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जोहानिसबर्ग में भी 153 रन बनाये थे। पुजारा का यह श्रीलंका के खिलाफ भी सर्वोच्च स्कोर है। उन्होंने 2015 में कोलंबो में नाबाद 145 रन बनाये थे। सुबह 144 रन से आगे खेलने वाले पुजारा को आखिर में 98वें ओवर में प्रदीप की गेंद पर विकेटकीपर निरोशन डिकवेला ने कैच किया जबकि रहाणे ने भी अपना 12वां टेस्ट अर्धशतक पूरा करने के बाद कुमारा की गेंद पर स्लिप में कैच थमाया। अश्विन और ऋद्धिमान साहा (16) को पंड्या से ऊपर बल्लेबाजी के लिये भेजा गया।
अश्विन और साहा ने छठे विकेट के लिये 59 रन जोड़े। साहा के कार्यवाहक कप्तान हेराथ की गेंद पर मिड आन पर कैच थमाया। यह हेराथ का मैच का पहला विकेट भी था। लंच से ठीक पहले अश्विन भी प्रदीप की गेंद पर विकेट के पीछे कैच थमाया। इससे प्रदीप पहली बार टेस्ट मैचों में पांच विकेट लेने में सफल रहे। इससे पहले उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 62 रन देकर चार विकेट था जो उन्होंने 2015 में कोलंबो में भारत के खिलाफ किया था।
भारत ने लंच के बाद रवींद्र जडेजा (15) का विकेट गंवाया जिन्हें प्रदीप ने बोल्ड किया। पंड्या जब चार रन पर थे तब रंगना हेराथ (119 रन देकर एक विकेट) की गेंद पर पहली स्लिप में उनका कैच छूटा। इसके बाद हालांकि उन्होंने विरोधी टीम को कोई मौका नहीं दिया और कुछ करारे शाट जमाये। शमी (30) ने उनका अच्छा साथ दिया। इन दोनों ने नौवें विकेट के लिये 62 रन जोड़े। पंड्या आउट होने वाले आखिरी बल्लेबाज थे। उन्होंने 48 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया और इसके तुरंत बाद वह गेंद को सीमा रेखा पार पहुंचाने के प्रयास में डीप स्क्वायर लेग पर कैच दे बैठे।