भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी ली चोंग वेई के डोपिंग प्रतिबंध से वापसी करने के बाद के रवैए से काफी प्रभावित हैं और उन्होंने कहा कि वे इस साल रियो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के प्रबल दावेदार हैं। मलेशिया के 33 साल के शटलर ली पर पिछले साल अप्रैल में डोपिंग में नाकाम रहने के कारण आठ महीने का प्रतिबंध लगा था। हालांकि उन्होंने यूएस ओपन, कनाडा ओपन, फ्रेंच ओपन और चीन ओपन में जीत और विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर शानदार वापसी की।
गोपीचंद ने कहा कि वे वह बेहतरीन खिलाड़ी है। उसकी फिटनेस, एकाग्रता बेजोड़ है और वे खेलों को एंबेसडर है। उसके साथ जो कुछ हुआ, वह निराशाजनक है लेकिन इससे अन्य खिलाड़ियों को फायदा मिला। उसे दुनिया के अन्य शीर्ष खिलाड़ियों के सामने परेशानी होती लेकिन इसे छोड़कर उसने पिछले कुछ वर्षों से विश्व बैडमिंटन पर राज किया है। उन्होंने कहा कि वे ऐसे खिलाड़ी हैं डिन्हें हराना वास्तव में मुश्किल है क्योंकि तेजी और करारे स्ट्रोक के कारण वह बेहद प्रभावी बन जाता है।
गोपीचंद ने हालाकि चीन के लिन डैन और चेंग लोंग की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जिन्होंने अपने करिअर के चरम पर ली को परेशान किया। उन्होंने कहा कि चेंग लोंग जैसे खिलाड़ियों का मैं बहुत सम्मान करता हूं और मैं उनकी दावेदारी को कम करके नहीं आंकता। लिन डैन बड़े मैचों का खिलाड़ी है। ये तीनों ही अन्य खिलाड़ियों के लिए मुश्किल पैदा करेंगे।