IPL 2019 Team Cheerleaders: क्रिकेट जगत में अगर सबसे रोमांचक मुकाबलों की बात की जाए तो आईपीएल ने इस खेल की लोकप्रियता और पहुंच दोनों को ही निखारने में बड़ा योगदान दिया है। दनादन इस क्रिकेट ने दुनिया भर के लोगों पर रोमांच का ऐसा असर डाला है कि हर कोई इस लीग का दीवाना हो गया। टीम कोई भी खेल रही हो लेकिन इस लीग की खासियत यही है कि वो दर्शकों को बांधे रहती है। लंबे-लंबे छक्के चौकों की बात हो या फिर कांटे की टक्कर, इस प्रतियोगिता का कोई जवाब ही नहीं। वहीं मैदान में बैठे फैंस का इन मुकाबलों में जो उत्साह देखने को मिलता है शायद ही वो जुनून दुनिया के किसी और खेल के लिए देखने को मिलता हो। हालांकि इस खेल में खिलाड़ियों और फैंस के अलावा एक और कड़ी है जो इसकी ख्याति और आकर्षण को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वो हैं चीयरलीडर्स, मैदान पर जैसे-जैसे खिलाड़ियों का प्रदर्शन करतब दिखाता है, मैदान के बाहर इन चीयरलीडर्स का जलवा भी फैंस की सांसे थाम देता है।

हर टीम अपने खिलाड़ियों और फैंस के हौसला अफजाई के लिए चीयरलीडर्स का सहारा लेती है, लेकिन क्या आपको पता है आखिर खेल में चल पड़ी इस प्रथा का जो अब आईपीएल का एक अहम हिस्सा है उसकी शुरुआत कैसे हुई थी। आइए आपको बताते हैं इन चीयरलीडर्स के बारे में कुछ ऐसी बातें जो शायद ही आपको पता हों।

अमेरिका में हुई थी इसकी शुरुआतः इस प्रोफेशन का जन्म अमेरिका में ही माना जाता है और आज भी चीयरलीडिंग के इस प्रोफेशन में अमेरिका मूल की लड़कियों का ही बोलबाला देखने को मिलता है। आईपीएल में भी अमेरिका और ब्रिटेन की लड़कियों पर ही टीमें सबसे ज्यादा दांव लगाती हैं। इसका कारण है इनका प्रोफेशनल अंदाज और अपने काम के साथ-साथ गुड लुकिंग दिखना भी। चीयरलीडिंग के प्रोफेशन से जुड़ी लड़कियां कोरियोग्राफी और पढ़ाई के क्षेत्र में भी काफी एक्टिव रहती हैं। खबरों की मानें तो इसकी शुरुआत सबसे पहले अमेरिका में देखने को मिली जब मिनसोटा यूनिवर्सिटी में 1898 में एक फुटबॉल मैच के दौरान इसका प्रयोग हुआ था। इसमें चीयरलीडर्स का किरदार किसी महिला ने नहीं बल्कि एक पुरुष ने निभाया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि 1923 तक इस प्रोफेशन का हिस्सा सिर्फ लड़के ही हुआ करते थे, लेकिन जब इसकी मांग बढ़ने लगी तो इसमें महिलाएं बढ़कर हिस्सा लेने लगीं और आज इस प्रोफेशन में महिलाएं ही जुड़ी हैं।

क्रिकेट में ऐसे हुई शुरुआतः क्रिकेट के मैदान में चीयरलीडर्स की अगर बात करें तो इसकी पहली झलक साउथ अफ्रीका में हुए टी-20 विश्वकप के दौरान दिखने को मिली थी, उसके बाद अब आईपीएल में इसका रंग और निखार पाता दिख रहा है। आईपीएल में तो अधिकतर चीयरलीडर्स अमेरिका, ब्रिटेन, मैक्सिको, फ्रांस, ब्राजील, यूक्रेन और साउथ अफ्रीका से बुलाई जाती हैं लेकिन फैंस के हिसाब से कहें या फिर रोमांच को देखते हुए आईपीएल के मुकाबलों में भी व्हाइट लड़कियों की तादाद ज्यादा देखी जाती है जिसका कई बार विरोध भी देखा गया है।
इन चीयरलीडर्स की सैलरी महीने के हिसाब से नहीं बल्कि हर मैच के हिसाब से होती है। एक मैच में इन्हें करीब 6 से 12 हजार रुपये की आमदनी होती है, हालांकि ये भी हर टीम के मैनेजमेंट के हिसाब से कम ज्यादा हो सकती है। इसके अलावा अगर चीयरलीडर्स जिस टीम को सपोर्ट कर रही हैं वो टीम जीतती है तो फिर उन्हें इनाम के तौर पर भी 3 हजार रुपये अलग से मिलते हैं। इसके अलावा पार्टी और फोटोशूट के लिए भी इन चीयरलीडर्स को 6-10 हजार के बीच भुगतान किया जाता है।