भारत का पड़ोसी मुल्क श्रीलंका आर्थिक तंगी की मार झेल रहा है। इसका असर खेल पर भी पड़ा है। महीने भर पहले सरकार ने ओलंपिक एसोसिएशन को ब्रिटेन में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेने की बात भूल जाने को कहा था। देश के हालात को देखते हुए सरकार ने फंड देने से मना कर दिया था। फिर श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड आगे आया और देश का सबसे बड़ा दल 28 जुलाई से बर्मिंघम में होने वाले गेम्स में हिस्सा लेने के लिए तैयार है।

श्रीलंका के चीफ डी मिशन दमपथ फर्नांडो ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बताया, “ ट्रेजरी ने कहा कि उनके पास पैसे नहीं है तो इस बारे में आप भूल ही जाएंं। हम कठिन स्थिति में फंस गए।” जब सभी रास्ते बंद दिखाई पड़ रहे थे तब श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड (SLC) आगे आया और 22 मिलियन श्रीलंकाई रुपये देकर मदद की। यह बहुत बड़ी राशि है।”

फर्नांडो ने कहा, “हमारा देश बहुत छोटा है। हम प्रशासन के लोग एक दूसरे को अच्छे से जानते हैं। वर्तमान में चल रही इस आर्थिक मंदी में हमें श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड की मदद की सराहना करनी चाहिए। यह काफी अलग है।” श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड से मिले पैसे से सरकार ने बर्मिंघम जाने वाले कुछ खिलाड़ियों और आधिकारिक लोगों के लिए हवाई टिकट बुक किए हैं। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय फेडरेशन इसका थोड़ा सा हिस्सा खिलाड़ियों के कपड़ो और जरूरत के समान के लिए उपयोग करेगा।

बॉक्सर से लेकर ट्रैक एंड फील्ड स्टार्स तक, स्प्रिंट सेंसेशन यूपुन अबेकून( 10 सेकंड से भी कम में 100 मीटर दौड़ने वाले पहले साउथ एशियन) समेत कई खिलाड़ियों को श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड से मदद मिलेगी। यही नहीं अबेकून को अगले दो सालों तक लंका क्रिकेट बोर्ड की ओर से उनकी ट्रेनिंग और विदेशो में खेलने के लिए आर्थिक सहायता मिलती रहेगी।

देश में चल रही आर्थिक मंदी और भारी विरोध के बीच श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड की कमाई का जरिया ब्रॉडकास्ट डील और टिकट के बिकना रहा। महामारी की शुरुआत के बाद से पहली बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज से पहली बार दर्शकों को स्टेडियम में आकर मैच देखने की अनुमति दी गई। कथित तौर पर बोर्ड ने ऑस्ट्रेलिया सीरीज से मिली लगभग 2 मिलियन डॉलर जनकल्याण के लिए दान की है।