Happy Birthday Karnam Malleshwari: भारत ने अब तक ओलंपिक में 35 मेडल अपने नाम किए हैं। 1900 में भारत को पहला मेडल हासिल हुआ था और इसके बाद से अब तक देश 34 मेडल जीत चुका है। आज के समय में देश के पास बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु, सायना नेहवाल, बॉक्सर मैरीकॉम, लवलीना और रेसलर साक्षी मलिक जैसी महिला ओलंपिक मेडलिस्ट हैं लेकिन इन सब को यह सपना दिखाने का हौंसला दिया उस एक खिलाड़ी ने जो देश की पहली महिला महिला ओलंपिक मेडलिस्ट बनी।
आंद्र प्रदेश में पैदा हुईं थीं मल्लेश्वरी
आंद्र प्रदेश की कर्णम मल्लेश्वरी का जन्म एक जून 1975 को हुआ था। साल 2000 के सिडनी ओलंपिक में वेटलिफ्टिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। भारत ने पहला मेडल 1900 में जीता था। एक सदी बाद 2000 में देश के लिए किसी महिला ने ओलंपिक मेडल जीता। कर्णम मल्लेश्वरी को बचपन में कमजोर समझा जाता था लेकिन उन्होंने सबको साबित करके दिखाया कि उनके इरादे कितने मजबूत हैं।
कोच ने समझा था कमजोर
महज 12 साल की उम्र में कर्णम मल्लेश्वरी ने तय कि वह वेटलिफ्टिंग करेंगी। मल्लेश्वरी की मां ने बेटी का हौंसला बढ़ाया और पास के ट्रेनिंग सेंटर ले गई। इस सेंटर में कोच नीलमशेट्टी अप्पन्ना बच्चियों को ट्रेन करते थे। जब उन्होंने मल्लेश्वरी को देखा तो ट्रेनिंग देने से मना कर दिया। उनका कहना था कि मल्लेश्वरी वेटलिफ्टिंग के लिहाज से काफी कमजोर हैं, वह वजन नहीं उठा पाएंगी। मां ने मल्लेश्वरी को समझाया कि परेशान होने की बजाए खुद को साबित करने के बारे में सोचें। बस यहीं से मल्लेश्वरी ने वेटलिफ्टिंग को जीवन का इकलौता मकसद बना लिया।
वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता था ऐतिहासिक गोल्ड
कर्णम मल्लेश्वरी ने साल 1990 में जूनियर चैंपियनशिप में नौ रिकॉर्ड तोड़े थे वहीं अगले ही साल उन्होंने सीनियर स्तर पर अपना पहला गोल्ड जीता। ओलंपिक मेडल जीतने से पहले कर्णम मल्लेश्वरी ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में इतिहस रचा था। 1994 में उन्होंने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था. वह ऐसा करने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी थीं।
सिडनी में किया कमाल
साल 1996 से 2000 तक कर्णम मल्लेश्वरी कोई भी मेडल जीतने में नाकाम रही थी। हालांकि सिडनी में उन्होंने ओलंपिक मेडल जीतकर सबका मुंह बंद कर दिया था। 2000 सिडनी ओलंपिक्स में कर्णम मल्लेश्वरी ने स्नैच और क्लीन एंड जर्क में 110 किग्रा और 130 किग्रा वजन उठाया था। उनके ब्रॉन्ज मेडल ने इतिहास रच दिया था।