भारत के नंबर वन पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत बुधवार को जापान ओपन बैडमिंटन में उलटफेर का शिकार हो गए। उन्हें टोक्यो में चल रहे 7.5 लाख डॉलर इनामी राशि वाले इस टूर्नामेंट के पहले ही दौर में हार का सामना करना पड़ा। उन्हें हमवतन एचएस प्रणय ने हराया। प्रणय ने किदांबी के खिलाफ 13-21, 21-11, 22-20 से जीत हासिल की। प्रणय करियर में दूसरी बार अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैच में किदांबी को हारने में सफल हुए हैं।

इससे पहले प्रणय ने किदांबी को 15 दिसंबर 2011 को इंडिया इंटरनेशल चैलेंज बैडमिंटन टूर्नामेंट में 16-21, 21-13, 21-15 से हराया था। भारत के ये दोनों शटलर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब तक 6 बार कोर्ट पर आमने-सामने हो चुके हैं। इसमें से किदांबी 4 बार जीत हासिल करने में सफल रहे हैं। किदांबी ने आखिरी बार प्रणय को पिछले साल 15 नवंबर को हॉन्गकॉन्ग ओपन में 18-21, 30-29, 21-18 से हराया था।

इससे टूर्नामेंट में प्रणय दूसरे भारतीय शटलर हैं, जिन्होंने उलटफेर किया है। उनसे पहले मंगलवार को साईं प्रणीत ने दुनिया के 10वें नंबर के बैडमिंटन खिलाड़ी जापान के केंटा निशिमोटा को सीधे गेमों 21-17, 21-13 में हराया था। प्रणय का अगला मुकाबला डेनमार्क के रासमुस जेमके से होगा। जेमके ताइपे के वांग जू वेई को 19-21, 21-14, 22-20 से हराकर दूसरे दौर में पहुंचे हैं। जेमके और प्रणय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहली बार कोर्ट पर आमने-सामने होंगे।

पुरुष एकल में एक अन्य भारतीय समीर वर्मा को भी पहले दौर में बाहर का रास्ता देखना पड़ा। उन्हें डेनमार्क के एंड्रेस एंटोनसेन ने सीधे गेमों (21-17, 21-12) में हराया। इस टूर्नामेंट के पुरुष एकल में अब सिर्फ एचएस प्रणय और साईं प्रणीत ही भारतीय चुनौती के रूप में बचे हैं। पुरुष एकल में भारत के 4 भारतीय उतरे थे। समीर और एंटोनसेन के बीच अब तक 4 बार मुकाबला हो चुका है। इनमें से समीर सिर्फ एक बार ही जीत हासिल करने में सफल हुए हैं। समीर ने एंटोनसेन के खिलाफ आखिरी और एकमात्र जीत पिछले साल 31 जनवरी को इंडिया ओपन में हासिल की थी। तब उन्होंने एंटोनसेन को 22-20, 21-8 से हराया था।