आस्ट्रेलियाई हाकी के पर्याय बन चुके और अब तक 326 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले जेमी ड्वायर का भारत से अपने दूसरे बेटे के कारण गहरा रिश्ता बना हुआ है। आस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व करते हुए और हाकी इंडिया लीग में खेलने के कारण ड्वायर ने भारत के कई स्थानों का दौरा किया है और ऐसे ही एक मौके पर वे ताजमहल देखने भी गए। इस 17वीं सदी के स्मारक की सुंदरता से ड्वायर इतने अभिभूत हुए कि उन्होंने अपने दूसरे बेटे का नाम ‘ताज’ रख दिया।

ड्वायर ने हाकी विश्व लीग (एचडब्लूएल) फाइनल से इतर एक बातचीत में कहा कि मुझे यह नाम पसंद है। उसका जन्म 2010 के आखिर में हुआ और 2010 में मैं विश्व कप और राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारत में था और इन दोनों में हमने जीत दर्ज की थी। उस दौरान मैंने ताजमहल का दौरा किया और मैं उसकी सुंदरता से मंत्रमुग्ध हो गया। उन्होंने कहा कि ताज का अंग्रेजी में मतलब ‘क्राउन’ होता है और मुझे यह बहुत अच्छा नाम लगा। वह छोटा और प्यारा सा बच्चा है और मेरे लिए ताज है। ड्वायर एक और बेटे के पिता हैं जिसका जन्म इस साल के शुरू में हुआ था।

ड्वायर ने 326 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 200 से ज्यादा गोल किए हैं। वे आस्ट्रेलिया की तरफ से सबसे ज्यादा मैच खेलने वाले खिलाड़ी हैं। इतने लंबे समय तक हाकी में बने रहने के बारे में उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि आपको खुद को चुनौती पेश करती रहनी चाहिए। आपको सुधार जारी रखने चाहिए। मैंने 2001 में शुरुआत की थी और तब से खेल में बहुत बदलाव आ गए हैं। युवा खिलाड़ियों के साथ खेलना और टीम में तालमेल बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होता है।

ड्वायर भले ही अपने अंतरराष्ट्रीय करिअर के आखिरी पड़ाव पर हैं लेकिन उनकी निगाह रियो में रेकार्ड चौथे ओलंपिक खिताब पर है। इसके बाद वे हाकी को अलविदा कहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह मायने नहीं रखता कि मुझे ओलंपिक के लिए चुना जाएगा या नहीं। मैं इस साल संन्यास ले लूंगा। यह शत प्रतिशत है कि यह मेरा आखिरी ओलंपिक होगा। और यदि मुझे चुना गया तो मैं आस्ट्रेलिया के लिए एक और ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतना चाहूंगा लेकिन यदि मुझे नहीं चुना गया तो मैं तुरंत संन्यास ले लूंगा। ड्वायर ने खुद स्वीकार किया कि भारत के लिए उनके दिल में विशेष जगह है और वे इस एचडब्लूएल फाइनल में अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं जो भारतीय सरजमीं पर उनका अंतिम अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट होगा।

उन्होंने कहा कि मैंने भारत में काफी हाकी खेली है। मैंने वास्तव में यहां आने का आनंद उठाया। दर्शकों का जवाब नहीं। लेकिन दुखद है कि मैं आखिरी बार भारत में आस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व करूंगा लेकिन मैं हाकी इंडिया लीग में फिर से यहां खेल सकता हूं। इसलिए मैं इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहता हूं। यह टूर्नामेंट कुछ अच्छी टीमों के खिलाफ बहुत अच्छी चुनौती है। ड्वायर ने कहा कि संन्यास के बाद वे किसी अन्य भूमिका में खेल से जुड़ना चाहेंगे लेकिन तुरंत ऐसा नहीं करेंगे।