सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने शनिवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की। इसके साथ ही घरेलू क्रिकेट की रन मशीन कहे जाने वाले इस 42 वर्षीय बल्लेबाज के शानदार करिअर का अंत हो गया। रणजी ट्रॉफी और ईरानी ट्रॉफी में सर्वाधिक रन बनाने वाले जाफर ने 1996-97 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया था। वसीम जाफर ने भारत की तरफ से खेलते हुए 31 टैस्ट मैचों में 34.11 के औसत से 1944 रन बनाए हैं। इसमें पांच शतक और 11 अर्धशतक शामिल हैं। उनका उच्चतम स्कोर 212 रन है। जाफर ने ट्वििटर पर बयान जारी करते हुए स्कूल दिनों से लेकर पेशेवर टूर्नामेंट तक उन्हें क्रिकेट के गुर सिखाने के लिए कोच व अन्य लोगों को धन्यवाद कहा।

उन्होंने कहा कि क्रिकेट में इतना लंबा समय बिताने के बाद अब आगे बढ़ने का वक्त है। लेकिन मेरे दिल के बेहद करीब रहे लाल गेंद के प्रारूप की तरह यह मेरे लिए केवल पहली पारी का अंत है। मैं अब दूसरी पारी पर ध्यान दूंगा। यह कोचिंग या कमेंट्री कुछ भी हो सकती है। मैं इस खेल से जुड़े रहना चाहता हूं क्योंकि इस खेल ने मुझे बहुत कुछ दिया है।

जाफर ने उन लोगों को भी याद किया जिन्होंने उनके करिअर को संवारने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि मैं अपने परिजनों, मेरे माता-पिता और भाईयों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। उन्होंने मुझे इस खेल को पेशे के तौर पर अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। मैं अपनी पत्नी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिसने मेरा प्यारा घर बसाने और मेरे और बच्चों के लिए इंग्लैंड की आरामदायक जिंदगी छोड़ दी।

जाफर रणजी ट्रॉफी में 12,038 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज हैं। उन्होंने अपने करिअर में अधिकतर समय मुंबई का प्रतिनिधित्व किया। बाद के दिनों में वह विदर्भ से खेलने लगे थे। वह रणजी में 150 मैच खेलने वाले पहले बल्लेबाज हैं। यह सलामी बल्लेबाज उन कुछ भारतीय बल्लेबाजों में शामिल है जिन्होंने वेस्ट इंडीज में दोहरा शतक लगाया है। उन्होंने कैरेबियाई टीम के खिलाफ सेंट लूसिया में 212 रन बनाए थे।
जाफर ने 2000 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टैस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया। उन्होंने अपना पहला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच 2006 में इसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ खेला था। जाफर ने केवल दो वनडे खेले जिनमें दस रन बनाए। उन्हें घरेलू क्रिकेट विशेषकर रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन के लिए याद किया जाता है।

प्रथम श्रेणी क्रिकेट का स्टार
जाफर को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से ज्यादा घरेलू क्रिकेट में बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है। उन्होंने मुंबई को 38वां और 39वां रणजी खिताब दिलाने में मदद की। पिछले तीन सत्र में उन्होंने विदर्भ की तरफ से भी दो रणजी खिताब जीते। उन्होंने घरेलू क्रिकेट के 260 मैचों में 50.7 की औसत से 19,410 रन बनाए। इसमें 57 शतक और 91 अर्धशतक शामिल हैं।