इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन ने तत्काल प्रभाव से तदर्थ समिति को भंग कर दिया। पिछले साल आईओए ने निलंबित रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का काम देखने के लिए इस समिति का गठन किया था। आईओए ने आधिकारिक बयान जारी करके इस फैसले की जानकारी दी है।

तदर्थ समिति को किया गया भंग

इस पत्र में बताया गया है कि हाल ही में यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया पर से बैन हटा दिया था। वहीं तदर्थ समिति ने सेलेक्शन ट्रायल्स का सफल आयोजन किया। इसी कारण आईओए ने फैसला किया कि अब रेसलिंग फेडरेशन का काम देखने के लिए तदर्थ समिति की जरूरत नहीं है।

आईओए का फेडरेशन को संदेश

आईओए ने साथ ही यह भी साफ किया की डब्ल्यूएफआई को जल्द से जल्द सेफगार्डिंग कमेटी का गठन करना होगा। यह कमेटी खिलाड़ियों की परेशानी का निवारण करेगी। साथ ही फेडरेशन को एथलीट कमिशन के चुनाव भी कराने तय समय सीमा में और नियमों के अनुसार कराने होंगे। आईओए ने एडहॉक समिति को डब्ल्यूएफआई का काम देखने के लिए पैसे उधार पर दिए थे। अब फेडरेशन को यह पैसा आईओए को लौटाने होंगे।

संजय सिंह ने किया फैसले का स्वागत 

डब्ल्यूएफआई प्रमुख संजय सिंह ने चुनाव में जीत दर्ज करने वाली समिति को राष्ट्रीय महासंघ के संचालन का जिम्मा देने के लिए आईओए का शुक्रिया किया। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ हम डब्ल्यूएफआई का पूर्ण नियंत्रण देने के लिए आईओए को धन्यवाद देते हैं। हम पहलवानों को सारी सुविधाएं देंगे। हम जल्द ही  राष्ट्रीय शिविर आयोजित करेंगे और अगर पहलवान विदेश में अभ्यास करना चाहते हैं तो हम यह सुविधा भी देंगे। अब पूरा ध्यान ओलंपिक पर है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि हमारे पांच-छह पहलवान क्वालिफाई करेंगे।’’